सीएम ने सिरोम टोली सरना स्थल सौंदर्यीकरण योजना की रखी आधारशिला

सभी सरना और मसना स्थल को संरक्षित करने का लिया है संकल्प

सरना स्थल हमें एक सूत्र में बांधने का करते हैं काम-मुख्यमंत्री

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। राज्य सरकार (State Government) के द्वारा आदिवासी समाज की परंपरा और कला- संस्कृति को जीवंत, अक्षुण्ण और संरक्षित करने का प्रयास लगातार जारी है। इस कड़ी में 7 अप्रैल को झारखंड की राजधानी रांची के सिरोमटोली सरना स्थल के सौदर्यीकरण योजना का शिलान्यास किया गया।

लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से इस सरना स्थल परिसर में कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उक्त बातें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिरोमटोली सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में कही।

उन्होंने कहा कि राज्य कि सभी सरना और मसना स्थल को संरक्षित करने का संकल्प राज्य सरकार ने लिया है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इसके ऐतिहासिक महत्व से भलीभांति वाकिफ रहे। उन्होंने राज्य वासियों से कहा कि अगर उनकी नजर में कोई उत्सव स्थल को विकसित और संरक्षित करने की जरूरत है तो उसकी जानकारी दें। इस दिशा में सरकार अवश्य पहल करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व की प्राचीनतम व्यवस्थाओं में आदिवासी समाज की व्यवस्था को जाना जाता है। हालांकि, आज की भौतिकवादी युग में सामंजस्य स्थापित करने में आदिवासी समाज थोड़ा पिछड़ सा गया है।

आदिवासियों के हक और अधिकार तथा विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अवसर पर पृथक रूप से आदिवासी कल्याण मंत्रालय बनाया गया है। यह मंत्रालय आदिवासियों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है।

सीएम सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के साथ रहना पसंद करते हैं। वे प्रकृति के पुजारी है। आज हर तरफ विकास की ही बात हो रही है। ऐसे में प्रकृति और विकास के बीच सामंजस्य स्थापित करने की जरूरत है। क्योंकि, जब प्राकृतिक व्यवस्था बचेगी, तभी आदिवासी समाज और संस्कृति जीवित रहेगी।

मुख्यमंत्री (Chief minister) ने कहा कि प्राचीन काल से आज तक आदिवासी समाज का विश्लेषण किया जाए तो हम कह सकते हैं कि उनके आत्मविश्वास और दृढ संकल्प में कोई कमी नहीं आई है। आज भी पहले की ही तरह अडिग है। यही हमें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। यही वजह है कि सरना स्थल जैसे उत्सव स्थल हमें एक सूत्र में बांधने का काम करते हैं।

इस अवसर पर मंत्री चम्पाई सोरेन, विधायक सीपी सिंह (MLA CP Singh), राजेश कच्छप, पदमश्री मुकुंद नायक, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, संतोष तिर्की, प्रकाश हंस, विजय बड़ाईक, रूपचंद, किशोर नायक, किशोर लोहरा सहित अन्य सदस्यगण मौजूद थे।

 

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