पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओड़िशा)। पुरी जगन्नाथ धाम में ऐतिहासिक मंदिर परिक्रमा परियोजना के लोकार्पण के साथ ही 17 जनवरी को एक नया अध्याय जुड़ गया है। मंदिर के चारों द्वार पर चल रहे महायज्ञ में गजपति महाराज द्वारा पूर्णाहुति दी गई।
जानकारी के अनुसार निर्धारित समय के अनुसार वेद मंत्रोच्चारण, घंटा की ध्वनि तथा जय जगन्नाथ के जयकारे के बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने परिक्रमा परियोजना का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव मंदिर के वरिष्ठ सेवक के साथ फाइव टी व् नवीन ओडिशा अध्यक्ष वी.के.पांडियन, मुख्य सचिव पीके जेना उपस्थित थे। मंदिर परिक्रमा मार्ग का उद्घाटन करने के बाद स्वयं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंदिर की परिक्रमा की।
मुख्यमंत्री के साथ संकीर्तन मंडली नृत्य गीत कर रही थी। वहीं मुख्यमंत्री के साथ देश भर से आए साधू संत एवं हजारों की संख्या में भक्तों ने मंदिर परिक्रमा में भाग लिया। पूरा वातावरण जगन्नाथ मय बन गया था।
जानकारी के मुताबिक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक निर्धारित कार्यक्रम के तहत 17 जनवरी को पुरी पहुंचे और मंदिर परिक्रमा परियोजना का उद्घाटन किया। इसके बाद 1.30 से 2 बजे के बीच गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव तीन दिवसीय यज्ञ में पूर्णाहुति दी। पूरा जगन्नाथ धाम वेद मंत्र, संकीर्तन एवं हुलहुली की ध्वनि से पूरा गूंजयमान रहा।
गौरतलब है कि 330 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ परिक्रमा कारिडोर का निर्माण किया गया है। परिक्रमा मार्ग की परिधि 1 किलोमीटर 300 मीटर है। मंदिर के चारों ओर इसके गलियारे की चौड़ाई 75 मीटर है, जिसमें पार्क, पूजा मंडप, शौचालय, बैठने के लिए बेंच, मोबाइल चार्जिंग स्टैंड, जूता स्टैंड आदि की व्यवस्था की गई है।
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