सीएम ने अनुपूरक बजट को लेकर विभागीय प्रधान सचिव व् सचिव के साथ की बैठक

सभी विभाग राजस्व संग्रहण बढ़ाने का एक्शन प्लान तैयार करें-हेमंत सोरेन

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। राज्य में विकास कार्यों को गति देना है, साथ हीं राजस्व संग्रहण को भी बढ़ाना है। ऐसे में सभी विभाग राजस्व उगाही में तेजी लाने के साथ अतिरिक्त राजस्व संग्रहण के नए स्रोतों के लिए संभावनाओं को तलाशें।

राज्य के मुख्यमंत्री (सीएम) हेमंत सोरेन ने 2 दिसंबर को झारखंड मंत्रालय में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, सचिव के साथ वित्तीय वर्ष 2024- 25 के बजट से परे शुरू की गई नई योजनाओं के अतिरिक्त दायित्वों की पूर्ति एवं वित्तीय वर्ष के अनुपूरक बजट की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए।

सीएम सोरेन ने कहा कि राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाएं। इसके साथ राजस्व की बर्बादी तथा स्थापना व्यय को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जाएं। बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि रेवेन्यू जेनरेट सिस्टम का माइक्रो लेवल ऑब्जरवेशन कर इसकी खामियों को दूर करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग राजस्व संग्रहण का एक्शन प्लान तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार विभागों के बीच को-ऑर्डिनेशन नहीं होने से राजस्व संग्रहण की गति धीमी हो जाती है। ऐसे में लक्ष्य के हिसाब से राजस्व संग्रहण नहीं हो पाता है। ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए सभी विभाग आपस मे समन्वय बनाकर राजस्व संग्रहण के कार्य को करें। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई विभागों में ऐसी कई एजेंसी, बोर्ड और निगम हैं जो राजस्व का बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं।

ऐसी एजेंसियों को बिजनेस मॉडल के रूप में स्थापित करें, ताकि वे अपने कार्यों का विस्तार कर सकें। इससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में कई उद्योग और कंपनियां कार्य कर रही हैं। इनके द्वारा सीएसआर मद से कई जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। लेकिन, इनके द्वारा खर्च की जा रही सीएसआर राशि की जानकारी राज्य सरकार तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में एक ऐसा मेकैनिज्म बनाएं, जिसके जरिए कंपनियों द्वारा सीएसआर मद में किए जाने वाले खर्च की जांच हो सके। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि वे विभिन्न कंपनियों और उद्योग समूहों के साथ बातचीत कर राजस्व बढ़ोतरी की संभावनाओं को तलाशें।

उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, वंदना दादेल, एमएस मीणा, सुनील कुमार, सचिव प्रशांत कुमार, प्रवीण टोप्पो, अमिताभ कौशल, अबू बकर सिद्दीक, कृपानंद झा, के श्रीनिवासन, मनोज कुमार, उमाशंकर सिंह, चंद्रशेखर, अरवा राजकमल, विप्रा भाल, जितेंद्र सिंह, मनोज के अलावा संजीव बेसरा, अमित कुमार, निशा उरांव तथा सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक राजीव लोचन बक्शी उपस्थित थे।

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