सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में किरीबुरु मेन मार्केट की दो नाबालिक बच्चियों को कलस्टर की महिला समूह द्वारा बाल विवाह से मुक्त कराया।
कलस्टर की अध्यक्षा यशोदा गुप्ता, सचिव प्रतिमा सिंह, पारा लीगल रीना दास आदि महिलाओं ने बेहतर कार्य करते हुये दो गरीब नाबालिक लड़कियों का बाल विवाह रुकवाया।
जानकारी के अनुसार दोनों लड़कियां आपस में सहेली है। दोनों अपने घर से भागकर प्रेमी के घर अवैध तरीके से रह रही थी। दोनों नाबालिक लड़कियों की उम्र लगभग 12 वर्ष है।
इस बाबत रीना दास ने बताया कि किरीबुरु कलस्टर की महिला समूह को जानकारी मिली कि मेन मार्केट की दो नाबालिक लड़कियां बीते मंगला उषा पर्व के समय से अपने-अपने घर से भागकर प्रेमी के घर रह रही है। दोनों शादी करने वाली है। इसमें से एक नाबालिग लड़की के पिता की मौत पहले हो गई थी तथा उसकी माँ दूसरी शादी कर अन्यत्र रहती है। उक्त नाबालिक लड़की अपनी गरीब व वृद्ध नानी के घर रहती थी। वह पढी़-लिखी भी नहीं है।
जबकि दूसरी नाबालिक लड़की के माता-पिता है एवं वह पांच क्लास तक पढी़ है। वह इससे पहले भी कई बार घर से भाग चुकी है। जिस कारण उसके माता-पिता भी परेशान रहते हैं। दोनों युवती सहेली है। रीना दास ने बताया की दोनों युवती के प्रेमी के परिजन इन्हें स्वीकार कर अपने घरों में रखे हुये थे। दोनों युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों को डर है कि वह कहीं फिर न भाग जाये।
दोनों लड़कियों के बाबत महिला समूह ने परिवार के साथ मिलकर यह निर्णय लिया कि जो अशिक्षित लड़की है उसका नामांकन नोवामुण्डी स्थित कैम्प स्कूल तथा दूसरी लड़की को भी कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराया जायेगा। इसके अलावे डालसा से जरुरी कानूनी व अन्य मदद लिया जायेगा।
इस दौरान क्लस्टर अध्यक्ष यशोदा गुप्ता, सचिव प्रतिमा सिंह, पैरा लीगल रीना दास, जेंडर सीआरपी हीरामणि बारला, अनिता पान, ग्रेस बोदरा, नीलिमा लागुरी, नमिता हेंब्रम, निशा सांडिल आदि अन्य महिलाएं,समाजिक कार्यकर्त्ता व् अन्य समस्या हल करने में शामिल दिखे।
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