जीवन में स्वच्छ आदतों को हम सभी को आत्मसात करने की आवश्यकता-उपायुक्त
जिले के सभी कस्तुरबा विद्यालयों में यूनिसेफ की तरफ से 50 हजार साबुन व 25 हजार हैंडवॉश का किया जायेगा वितरण-उपायुक्त
एस. पी. सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district Deputy commissioner Manjunath bhajantri) की अध्यक्षता में 23 फरवरी को कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय देवघर में स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कस्तुरबा विद्यालय की बच्चियों द्वारा स्वच्छता के महत्व, हांथ धुलाई के फायदो आदि विषयों पर नुक्कड़-नाटक व अभिभाषण प्रस्तुत कर लोगों को स्वस्थ्य रहने के फायदों से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम (Program) के दौरान उपायुक्त भजंत्री द्वारा सर्वप्रथम बच्चियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामना दी गयी। यहां उपायुक्त ने कहा कि बच्चे पहले स्कूल से छुट्टी होने का इंतजार करते थे। कोरोना संक्रमण प्रकोप से स्कूलों को बंद करने के बाद ऑनलाईन क्लासेस (Online Classes) की सुविधा बच्चों को दी गयी।
वर्तमान में संक्रमण के कम होते खतरे को देखते हुए एक बार फिर स्कूलों को धीरे-धीरे खोला जा रहा है। हमें अब भी कोविड संक्रमण से सतर्क व सुरक्षित रहने की आवश्यकता है। इसके लिए साफ-सफाई व कोविड नियमों का अनुपालन अति महत्वपूर्ण है।
उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि युनिसेफ द्वारा 50 हजार साबुन व 25 हजार हैण्डवॉश दिये गये थे, जिसका उपयोग जिले के सभी कस्तुरबा विद्यालयों में वितरित कर किया जायेगा।
बच्चियों से बातचीत करते हुए उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी को अपने भविष्य, व्यक्तित्व व ज्ञान अर्जन हेतु इन्टरनेट का उपयोग करने की आवश्यकता है, ताकि सही मायने में और सही तरीकों के लिए हम इन्टरनेट का लाभ उठा सकें। उपायुक्त ने कहा कि समाज से बेटे-बेटियों में असमानता की सोच को बदलने की जरूरत है। आज बेटियां हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं।
सरकारी स्तर से बेटियों के प्रोत्साहन के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसका लाभ बेटियों को मिल भी रहा है। उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी, दोनों का समान अधिकार है। देवघर जिले में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो किसी न किसी क्षेत्र से जुड़कर बेहतर कार्य करते हुए अपने क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
जिला, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की बेटियों ने नाम रौशन किया है। स्कूल की बच्चियों को प्रोत्साहित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि हर किसी में कुछ न कुछ प्रतिभा है। जरूरत है अपने अंदर छिपी प्रतिभा की पहचान कर आगे बढ़ने की। विषम परिस्थितियों में भी लोग मेहनत के बूते लक्ष्य को प्राप्त किए हैं। आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा की जरूरत होती है। आप खुद अपने लिए प्रेरणा बनें।
सकारात्मक सोच के साथ अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ें। उपायुक्त ने खुद की परिस्थितियों को बयां करते हुए बच्चियों को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि समस्याओं पर विचलित होने के बजाय समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने बच्चियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में विगत 5 सालों में लिंग अनुपात मे काफी कमी आई है, जो चिन्तनीय है। दहेज कूप्रथा का सहयोग करना महापाप है। इस पर रोक लगाना अति आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि सभी जागरूक बने और अपने अभिभावकों व अपने समाज को बेहतरी की ओर ले जाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें।
उपायुक्त ने कहा कि आगामी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला, प्रखंड व पंचायत स्तर पर सभी शपथ ग्रहण करेंगे कि वो खुद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से दहेज कूप्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे और समाज से इस कूप्रथा को खत्म करने में जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ आधुनिकता अच्छी बात है, मगर यह एक दायरे में रहे। इसका ख्याल रखना जरूरी है। हम अपने संस्कार और परंपरा को नहीं भूलें। सामाजिक सुरक्षा के लिए हमें छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। छोटी उम्र से ही इसका प्रयास होना चाहिए।
इसकी सीख बच्चों को दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी विद्यालयों में विशेष शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन करते हुए बच्चियों के रूची के अनुरूप विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
उपायुक्त ने कस्तुरबा गांधी विद्यालय के शिक्षिकाओं व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निदेशित किया कि बच्चियों को बेहतर माहौल के साथ भविष्य में बेहतर करने हेतु प्रेरित व प्रोत्साहित करते रहें, ताकि बच्चियों द्वारा समाज को बेहतर रास्ता दिखाया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा जानकारी दी गयी कि सीएसआर मद से महिलाओं व बच्चियों को मेंस्ट्रुअल हाईजिन, सैनेटरी पैड का प्रयोग के साथ-साथ स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतें को अपनाने हेतु जागरूक किया जायेगा।
साथ हीं ग्राम स्तर पर महिलाओं व किशोरियों को मेंस्ट्रुअल हाईजिन के प्रति जागरूक किया जायेगा, ताकि वे जान सके कि मेंस्ट्रुअल हाईजिन उनके स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक है एवं इसे अपनाकर वे मेंस्ट्रुअल हाईजिन के अभाव में होने वाले विभिन्न बीमारियों से अपना बचाव कर सकती हैं।
कार्यक्रम के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी बिना कुमारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी देवघर व सारवां, यूनिसेफ की प्रतिनिधि देवांजलि मंडल, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, जिला समन्वय कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।
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