लोकसेवा आश्रम प्रेक्षा गृह में शास्त्रीय संगीत समारोह का आगाज

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर स्थित लोक सेवा आश्रम प्रेक्षागृह में 7 अगस्त की रात्रि 83वां शास्त्रीय संगीत, वाद्य एवं नृत्य सम्मेलन में कलाकारों का महासमागम देखा गया। शास्त्रीय नृत्य और संगीत के रस में सराबोर दर्शक वाह-वाह कर उठे।

इस अवसर पर सीवान निवासी रामप्रकाश मिश्र, वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के सेवानिवृत जिला जज दिनेश कुमार शर्मा ने भजन तीन ताल राग मालकौस में भजन प्रीत प्रभु से जोड़ रे मन और गज़ल, कहरवा, राग मालगूंजी में कभी कहा न किसी से तेरे फसाने को तथा कजरी, दादरा ताल, राग मिश्र पीलू में जलवा चल शिव दरबार पिया का गायन कर दर्शकों की जमकर तालियां बटोरी। उनके साथ मिथिलेश राय ने तबला पर संगत किया।

इससे पूर्व स्व. संत बाबा राम लखन दास की 54वीं पुण्यतिथि समारोह पर आयोजित नृत्य संगीत सम्मेलन का उद्घाटन दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पटना और मुजफ्फरपुर के निदेशक राजकुमार नाहर, लोकसेवा आश्रम के व्यवस्थापक विष्णु दास उदासीन उर्फ मौनी बाबा, अनिल सिंह गौतम एवं हरिमोहन यादव ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम के अवसर पर आकाशवाणी निदेशक राज कुमार नाहर ने कहा कि अगले वर्ष से इस मंच पर शास्त्रीय संगीत से जुड़े कलाकारों को लाने का जिम्मा उनका है। इसका सारा खर्च वे स्वयं वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस मंच पर बाल एवं युवा कलाकार के रुप में अपनी प्रस्तुति दे चुका हूं।

भरी सभा में संकल्प करता हूं कि अगले वर्ष से देश के नामी गिरामी कलाकार इस मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे। सर्वप्रथम उपस्थित सभी कलाकारों ने मंच पर उपस्थित होकर बाबा रामलखन दास के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया। नाहर ने कहा कि 30 वर्ष बाद बाबा का आशीर्वाद मिला। मेरे बाबा एवं पिताजी ने भी इस मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत किया था।

उन्होंने कहा कि पंडित किशन महाराज के समय उनके कहने पर उन्होंने इस मंच पर तबला वादन भी किया था। उन्होंने कहा कि
पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित किशन महाराज इस कला मंच सचिव एवं राष्ट्र रत्न बिस्मिल्लाह खान अध्यक्ष होते थे। नाहर ने कहा कि अगले वर्ष स्वयं वे यहां कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

साहित्यकार विश्वनाथ सिंह ने कहा कि इस मंच का बाल कलाकार आज राज्य का डायरेक्टर है। यह गौरव की बात है। इससे पूर्व लोक सेवा आश्रम के व्यवस्थापक एवं बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने उपस्थित दर्शकों को अपना आशीर्वचन दिया।

इसके बाद भारती संगीत विद्यालय लालगंज की टीम के नवोदित कलाकारों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रेमा ने गुरु वंदना राग पूर्वी तबला और प्रेरणा कुमारी (लालगंज) ने हारमोनियम पर संगत किया। मोरे लागी लगन गुरु चरणन की, चरण बिना मोहे कछु नाही लगे एवं मीरा के प्रभु गिरधर नागर, मोहे लागी लगन एवं बंदिश तीन ताल में योगिया मोरे घर आए का गायन कर दर्शकों को झूमने के लिए बाध्य कर दिया।

इसी संस्था की नवोदित कलाकार एकता वर्मा (समस्तीपुर) ने शिव वन्दना सौराष्ट्रे सोमनांथे च, शिवे सर्वार्थ साधिके शिव स्तोत्र और भजन गाकर श्रावण मास की सार्थकता सिद्ध कर दी। इस मौके पर बिहार के वरिष्ठ पत्रकार दीपक पांडेय तथा अनिल सिंह गौतम ने भी बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की। कोलकाता की कथक नृत्यांगना डॉ अदिति चक्रवर्ती ने शिव वन्दना पर भाव नृत्य की प्रस्तुति कर सबका मन मोह लिया।

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