प्रहरी संवाददाता/धनबाद (झारखंड)। धनबाद जिला के हद में झरिया क्षेत्र के बीसीसीएल लोदना क्षेत्र एरिया-10 में 8 फरवरी को एटी देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी और जिनगढ़ा के ग्रामीणों के बीच विवाद हिंसक झड़प में बदल गया। मुख्य विवाद सड़क की कटाई और ग्रामीणों की जमीन पर अवैध रूप से ओवर बर्डेन (ओबी) डंपिंग को लेकर था। ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से विरोध कर रहे थे, लेकिन उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही थी।
बताया जाता है कि 8 फरवरी को जब ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया, तो विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट, पथराव और आगजनी की घटनाएं हो गईं। इस हिंसा में एक महिला को गोली लगने की खबर सामने आई है। हालांकि जिला प्रशासन इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। झड़प में करीब एक दर्जन रहिवासी घायल हुए हैं, जबकि कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और कई वाहनों में आग भी लगा दी गई।
इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि बीसीसीएल अधिकारियों और प्रशासन की शह पर उनकी जमीन पर अवैध रूप से ओबी डंप किया जा रहा है, जिससे उनकी खेती योग्य भूमि बर्बाद हो रही है। रहिवासियों का जीवन प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, सड़क की कटाई से उनका संपर्क मार्ग भी खराब हो चुका है, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है। बताया कि ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन न तो प्रशासन ने कोई कदम उठाया और न ही बीसीसीएल ने इस पर ध्यान दिया।
बताया कि जब ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर 8 फरवरी को प्रदर्शन किया, तो एटी देवप्रभा कंपनी के सुरक्षाकर्मियों और ग्रामीणों के बीच कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों में लाठी-डंडे चलने लगे और पथराव शुरू हो गया। कुछ वाहनों को तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान एक महिला को गोली लगने की भी सूचना है, जिससे क्षेत्र में स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण हो गई है।
घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। हिंसा की खबर मिलते ही सर्किल इंस्पेक्टर पंकज भूषण, सिंदरी डीएसपी और झरिया अंचलाधिकारी की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर भेजा गया है। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी जमीन पर हो रही अवैध डंपिंग नहीं रोकी जाती है तथा सड़क की स्थिति में सुधार नहीं होता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए मामले की जांच का आश्वासन दिया है। फिलहाल, इलाके में तनाव बरकरार है और पुलिस किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क है।
दूसरी ओर बड़ी संख्या में ग्रामीण रहिवासी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, जबकि प्रशासन और बीसीसीएल के अधिकारी समाधान निकालने के लिए बैठक कर रहे हैं। अब देखना है कि क्या प्रशासन इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा पाता है या फिर झरिया में यह आंदोलन और उग्र रूप धारण करता है?
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