आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर खिलाएंगी फाइलेरिया रोधी दवा-डॉ अभय
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर अभियान चलाया जायेगा, जिसमें सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत यह अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में जिला सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद की अध्यक्षता में 8 फरवरी को सिविल सर्जन कार्यालय सभागार प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेस वार्ता में सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इससे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया हो जाने पर इसका कोई इलाज नहीं है, परन्तु इससे बचाव संभव है। कहा कि समय से पूर्व फाइलेरिया रोधी दवा खाकर इससे बचा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बोकारो जिले में आगामी 10 फरवरी से 25 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता घर-घर जाकर रहिवासियों (2 वर्ष से कम आयु वाले, गर्भवती महिला तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर) को फाइलेरिया रोधी दवा की गोली खिलाएंगी। यह दवा सभी स्वास्थ्य केन्द्र पर भी उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सभी शिक्षण संस्थान, कार्यालयों सहित अन्य जगहों पर बूथ लगाकर दवा खिलायी जाएगी।
सिविल सर्जन डॉ अभय ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन में जिले की लक्षित जनसंख्या के तहत कुल 23 लाख 70 हजार 811 रहिवासियों को दवा का सेवन कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें कुल 2246 एमडीए बूथ एवं जिला के अन्य जगहों पर दवा का सेवन कराया जाएगा। तत्पश्चात 11 फरवरी से 25 फरवरी तक घर-घर जाकर सर्वजन दवा सेवन के तहत डी ई सी तथा अल्बडाजोल गोली की एक खुराक खिलाई जाएगी।
सिविल सर्जन डॉ अभय ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान पूर्ण होने के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रखंड, सीडीपीओ, बीईईओ एवं स्वयं सहायता समूह को चिन्हित कर उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 11 से 25 फरवरी तक घर-घर जाकर दवा खिलाने के क्रम में महिला/पुरुष सभी को अपने सामने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक आयु वर्ग के अनुसार दवा खिलाये।
कहा कि अक्सर देखा जाता है कि परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुरूप दवा ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा परिवार के किसी एक सदस्य को दे दिया जाता है, जिसका सेवन बाद में परिवार के सदस्य नहीं करते, जिससे बीमारी बनी की बनी रहती है। इसलिए वैक्सीनेटर अपने सामने की आहर्ता रखने वाले आयु वर्ग को दवा खिलाए।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी बीमारी है, जो धागा के समान दिखने वाले फाइलेरिओडी नामक निमेटोड के कारण होता है। यह एक संक्रामक उष्ण कटिबंधीय बीमारी है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलता है। जब एक संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो फाइलेरिया के परजीवी उसके रक्त में प्रवेश कर जाते हैं। ये परजीवी लसीका प्रणाली में रहते हैं, जो शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ निकालने में मदद करती है। समय के साथ, परजीवी लसीका प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन हो सकती है।
उन्होंने फाइलेरिया के लक्षणों को बताया, जिसमें बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा में जलन, लसीका ग्रंथियों में सूजन, हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन), हाथी पांव (पैर या हाथों में सूजन) शामिल है।
कहा कि फाइलेरिया से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं, जिनमें मच्छरों से बचाव करना, मच्छरदानी का प्रयोग करना, पूरी बाजू के कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाले स्प्रे का प्रयोग करना, साफ पानी से स्नान करना, अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखना शामिल है।
53 total views, 53 views today