एस. पी. सक्सेना/बोकारो। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) बेरमो कोयलांचल का 53वां स्थापना दिवस 30 मई को बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड के जारंगडीह स्थित एनसीओईए (सीटू) के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित किया गया। अध्यक्षता जोनल सचिव एसबी सिंह दिनकर जबकि संचालन विजय भोई ने किया।
स्थापना दिवस के मौके पर मुख्य रूप से राज्य कार्यकारिणी सदस्य कॉमरेड राम चंद्र ठाकुर, जिला सचिव पीके विश्वास, माकपा जिला सचिव भागीरथ शर्मा, मनोज पासवान, गोवर्धन रविदास, चंद्रशेखर महतो, मोहम्मद निजाम अंसारी, कमलेश कुमार गुप्ता, राकेश प्रसाद, गौतम राम, बंगाली पासवान आदि मौजूद थे।
मौके पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य कॉ रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि लाल झंडा मेहनतकश ने पकड़ा है। मजदूरों ने अपनी शहादत देकर इसे लाल किया है। इसलिए हम सीटू के लोग बिना जब तक मेहनत करने वालों का शोषण के खिलाफ सदा लड़ते है, जबतक अधिकार नहीं मिलता है।
उन्होंने बताया कि सीटू की स्थापना 30 मई 1970 को किया गया था। पहला सम्मेलन में कहा गया था कि बहुत सारे यूनियन बन गए हैं। संपूर्ण यूनियन एआईटीयूसी के अंतर्गत बन गया। हमें दुकान खोलना नहीं है। मजदूरो के बल का चट्टानी एकता और उसके संघर्ष से ही हो सकता है।
सीटू यूनियन का लक्ष्य होगा सारे मजदूरों को एक मंच पर लाना। सारे मजदूरों का एक मंच भारतीय ट्रेड यूनियन का केंद्र है। जितने भी यूनियन मजदूरों का दुकान करते हैं, किंतु हम मजदूरों के लिए कार्य करते हैं। सारे लोगों को संयुक्त मोर्चा के अंतर्गत लाना होगा। उन्होंने कहा कि जो आज हक और अधिकार कोयला मजदूरों को हासिल हुआ है यह संयुक्त मोर्चा की देन है।
सीटू कॉ बिना मजबूत किए किसान आंदोलन तथा मजदूर आंदोलन को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। कॉ ठाकुर ने कहा कि भारत ऐसे हाथों का खिलौना बन गया है जिन्होंने आजादी को इस तरह से नेस्तनाबूद करने के लिए हिंदू मुस्लिम का नारा देते आ रहे हैं। दिल्ली में जो गद्दी पर आसीन हुए हैं तिरंगा झंडा का अपमान कर रहे हैं।
जिनका नेता सावरकर अंग्रेजो से माफी मांग कर हिंदुत्व का नारा दिया। आप मजबूत बन कर रहे है। आज तो दिल्ली के गद्दी पर जो बैठे हुए हैं वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भी अपमान किए हैं। देश के दो-तीन पूंजीपतियों को मजबूत करने के लिए वे अडानी, अंबानी जैसे लोगों को मजबूत कर रहे हैं, जबकि गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी से आम जनता जूझ रही है।
उन्होंने कहा कि बीते 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन में राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया। कारण राष्ट्रपति आदिवासी है। संसद भवन का बुनियाद डाला जा रहा था, किंतु राष्ट्रपति जो दलित है आदिवासी हैं उनसे नहीं कराया गया। पूरा संसद भवन को साधु पंडित को प्रवेश कराकर पूजा पाठ कराया गया।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, लेकिन संसद के अंदर पूजा पाठ कराके मोदी सरकार देशवासियो को क्या संदेश देना चाह रहा है। आज पाकिस्तान का क्या हो रहा है, नेपाल हिंदू राष्ट्र था, उसका हर्ष आप देखें होंगे। जहां लाल झंडा के चलते ही आज नेपाल राष्ट्र चल रहा है। आज स्थापना दिवस पर हम सबों को शपथ लेना होगा की आगामी 2024 में वर्तमान केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।
बताया गया कि आगामी 6 जून को रांची में रैली जो होने जा रही है। वह संप्रदायिकता के खिलाफ होगा। कहा गया कि झारखंड के अंदर मजदूरों का शोषण हो रहा है। यह रैली करके हम मजदूरों का हक और अधिकार दिलाएंगे।
वक्तव्य देने वालों में पीके विश्वास, भागीरथ शर्मा, श्याम बिहारी सिंह दिनकर, विजय भोई, मनोज पासवान सहित अन्य कॉमरेड साथियों ने भी स्थापना दिवस पर अपने-अपने विचार रखें।
सर्वप्रथम स्थापना दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन, श्रद्धांजलि सभा, संगीत एवं उद्घाटन भाषण राज्य कार्यकारिणी सदस्य के द्वारा किया गया। इस मौके पर पुराने सीटू कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन जोनल सचिव श्याम बिहारी सिंह दिनकर ने किया।
मौके पर उपरोक्त के अलावा अमितेश प्रसाद, नवी हुसैन, तस्लीम अख्तर, कयामुद्दीन, शंकर प्रजापति, दिन बंधु प्रसाद, मुस्तफा अंसारी, नरेश राम, समीर सेनगुप्ता, बैजनाथ मंडल, कुणाल कुमार, शंकर प्रजापति, मनोरमा देवी सहित अन्य मौजूद थे।
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