एस. पी. सक्सेना/बोकारो। संस्कृत भारती एवं राष्ट्रिय संस्कृत प्रसार परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में 12 अगस्त को बोकारो के सरस्वती शिशु मंदिर जनवृत-3/सी सभागार में धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ संस्कृत दिवस सह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यहां आयोजित कार्यक्रम का उद्घघाटन मुख्य अतिथि आर.एस.रामाराव महाप्रबंधक (एचआर) ओएनजीसी, विशिष्ट अतिथि उमाशंकर सिंह प्राचार्य जीजीपीएस चास, आदि।
स्वागताध्यक्ष सिद्धेश नारायण दास सचिव सरस्वती विद्या मंदिर-3/सी एवं कमलकांत जैन अध्यक्ष संस्कृत भारती एवं पूर्व अधिशासी निदेशक सेल द्वारा संयुक्त रूप से वैदिक मंगला चरण के बीच सरस्वती माँ एवं भारत माँ के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया गया। इसके पश्चात सरस्वती विद्या मंदिर-3/सी के बच्चों द्वारा सरस्वती वन्दना का प्रस्तुतीकरण कर वातावरण को संगीतमय एवं संस्कृतमय बना दिया।
संस्कृत भारती के मंत्री राम वचन सिंह द्वारा मंचासीन अतिथियों एवं सभागार में उपस्थित विद्यालय प्राचार्यों, शिक्षक, शिक्षिका, बच्चों, इनके अभिभावकों एवं अन्य बन्धु – भगिनिओं का हार्दिक स्वागत, आभार एवं अभिनन्दन किया गया। उन्होंने अतिथिओं का परिचय कराते हुए उन्हें पुष्प प्रदान किया।
पूर्व में जुलाई-अगस्त में संस्कृत के छः विधाओं में संस्कृत भाषण, श्लोक पाठ, एकल गान, समूह गान, एकल भावनृत्य एवं समूह भावनृत्य का प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं थी I डॉ विनय कुमार पांडेय धनबाद विभाग के संस्कृत प्रशिक्षण प्रमुख द्वारा संस्कृत भारती का उद्देश्य एवं कार्यवृत का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आर.एस. रामाराव ने संस्कृत को अपने जीवन में व्यवहार रूप में स्वीकार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सटीक एवं समृद्ध भाषा है। हमारे सभी धर्मग्रन्थ संस्कृत में है, जो विश्व का मार्गदर्शक बन सकता है। विशिष्ट अतिथि उमाशंकर सिंह ने कहा कि संस्कृत के बिना कोई भाषा व साहित्य पूर्ण नहीं है।
संस्कृत भाषा देवभाषा व सभी भाषाओं की जननी है जो हमें संस्कार देता है। ज्ञान प्रदान करता है। सभी विधाओं में प्रथम स्थान पर विजयी बच्चों ने मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी विजयी बच्चों को शील्ड और मेडल अतिथियों द्वारा प्रदान कर उन्हें उत्साहित व प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी निर्णायकों, सहयोगियों एवं सभी 24 सहभागिता वाले विद्यालयों को शील्ड दिया गया। मंच का संचालन डॉ. श्रीहरि पांडेय ने किया। कार्यक्रम को सफल तथा पुरस्कार विवरण में सहयोग करने में डॉ आत्मानंद सिंह, माला सिन्हा, उदित पांडेय, रंजन पांडेय, गोपालकृष्ण दूबे, डॉ रामनारायण सिंह एवं अन्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही।
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