पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं बिरहोर के बच्चे

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। गोमिया प्रखंड के हद में तुलबुल स्थित नव प्राथमिक विद्यालय होने के बावजूद पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं लुप्तप्राय होने के कगार पर आदिम जनजाति बिरहोर के बच्चे। दो सालों से स्कूल पर बिरहोर सावित्री देवी ने लगाया है ताला। जिला प्रशासन (District Administration) लंबी ताने सोई है।

जानकारी के अनुसार तुलबुल स्थित नव प्राथमिक विद्यालय झारखंड में लुप्तप्राय होने के कगार पर खड़े आदिम जनजाति बिरहोरो के बच्चों के लिए विद्यालय खोली गई थी। ताकि बिरहोर के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें। किंतु स्कूल के सचिव रमेश चंद्र बेसरा के देहांत होने के बाद उस स्कूल में बिरहोर सावित्री देवी ने ताला जड़ दिया।

जब सावित्री देवी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह कह कर रखा गया था कि यह स्कूल प्राइवेट है। आगे चलकर बंद हो जाएगा। मैंने किसी तरह का दान पत्र लिखकर नहीं दिया। यह जमीन मेरा है और इस जमीन को अब मैं नहीं छोडूंगी। बच्चे कहां पढेंगे यह सरकार की जिम्मेदारी है।

इस संबंध में स्कूल के शिक्षक दिनेश्वर प्रजापति ने 7 अगस्त को एक भेंट में बताया कि 3 मार्च 2020 से पहले स्कूल खुला रहता था। उनके यहां मेरे आने के बाद इस स्कूल में पूर्व मे उपाध्यक्ष रह चुकी सावित्री देवी भूमि दाता ने कहा कि यह जमीन उसकी है और ताला जड़ दिया।

इसलिए पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाने को वे मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि वे इस मामले को लेकर पत्राचार कर कई बार वरीय पदाधिकारियों को सूचित कर चुके हैं। अंत में अब उप विकास आयुक्त बोकारो को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर पत्र के माध्यम से कार्यवाही करने की बात कही है।

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