मुश्ताक खान/ मुंबई। अमूमन भारत में हर साल एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। इसके तहत 1 जुलाई को मुंबई के प्रसिद्ध दॉ बाई जेरबाई वाडिया हॉस्पिटल (Bai Jerbai Wadia Hospital) में डॉक्टरों की टीम ने एक कैंसर पीड़ित बच्चे के चेहरे पर मुस्कान व उसकी हौसला अफजाई के लिए केक काटकर इस दिवस को मनाया।
इस अवसर बड़ी संख्या में डॉक्टर, नर्स और उनके सहायक कर्मचारी शामिल हुए। दरअसल इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है, साथ ही योद्धा डॉक्टरों को सलाम।
मुंबई के परेल स्थित आचार्य डोंडे मार्ग पर सर नेस वाडिया और सर करौ वाडिया ने 1929 में अपनी माता जी की याद में दॉ बाई जेरबाई वाडिया हॉस्पिटल को बच्चों के इलाज के लिए बनवाया। इस हॉस्पिटल में बच्चों की हर तरह के इलाज होता है।
बहरहाल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के मौके पर शहर के विभिन्न हॉस्पिटलों के डॉक्टरों ने इस दिन को अलग-अलग तरीके से मनाया। भारत में सबसे पहले नेशनल डॉक्टर डे (National Doctor’s Day) साल 1991 में पहली बार मना गया।
बताया जाता है की 1 जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर विधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि इसी दिन होती है। यह दिन उन्हीं की याद में मनाया जाता है। डॉक्टर विधानचंद्र रॉय भारत के सबसे प्रसिद्ध चिकित्सकों में से एक रहे हैं।
गौरतलब है कि डॉक्टर समुदाय ने कोविड -19 के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इस समय भी सभी सेक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर देश की सेवा में लगे हैं, ऐसे सभी डॉक्टरों को सलाम। डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है।
डॉक्टर्स डे सेलिब्रेशन में मौजूद डॉक्टर्स में संगीता मुदलियार, बच्चों के कैंसर विभाग की प्रमुख डॉ. शकुंतला प्रभू, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मीनल शहा आदि मौजूद थे।
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