मुख्यमंत्री ने तेजस्विनी अध्ययन केंद्र का किया ऑनलाइन उद्घघाटन

प्रहरी संवाददाता/बोकारो। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s day) के अवसर पर प्रोजेक्ट भवन रांची में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 8 मार्च को तेजस्विनी परियोजना के तहत बोकारो जिला के हद में चास प्रखंड के अलकुशा पंचायत भवन में ऑनलाइन तेजस्विनी अध्ययन केंद्र का उद्घघाटन किया।

इस केंद्र में ड्राप आउट किशोरियों/युवतियों का सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण शिक्षा के माध्यम से किया जाएगा। वैसी किशोरियों/युवतियां जिन्होंने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी है, उन्हें आगे पढ़ने और बढ़ने का अवसर दिया जाएगा। 8 वीं या 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण कराते हुए उन्हें शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।

अपने संबोधन में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren)  ने कहा कि वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है। महिलाएं आगे आएं। हर माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए। हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन झारखंड के परिपेक्ष्य में बात करें तो कई क्षेत्रों में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अपने साथ लेकर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।

क्योंकि महिलाएं आधी जिम्मेवारी की हिस्सेदार होती हैं। सीएम सोरेन ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में बदलाव हुए हैं। आज कहीं ना कहीं रोशनी उन इलाकों तक भी पहुंच रही है, जहां महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया गया है। यह क्रम लगातार जारी है। उनके पारंपरिक सांस्कृतिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इन सब विषयों को उन तक हमें पहुंचाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने का कार्य हो रहा है। जिस तरह महिलाएं बढ़ना चाहती हैं। वैसी कार्य योजना बन रही है। जो अपने पैरों पर खड़ा होने की इच्छुक हैं। सरकार उन्हें हर संभव सहयोग देने को तैयार है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उत्पीड़न को लेकर बातें आती हैं।

आज भी ऐसी सोच विद्यमान है, जिसे समाप्त करने का दायित्व हम सबका है। तभी हम समान नजरों से देख महिलाओं को साथ लेकर बढ़ सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जहां कुंठित जीवन जीने को महिलाएं विवश हैं। उन तक हमें पहुंचना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन को हम महत्वपूर्ण दिन के रूप में देख सकते हैं।

मानव सृजन से अब तक कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में महिलाओं की भूमिका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रही है। अलग-अलग समय में विकास की लकीरें खींची गई। समूह, वर्ग, जाति और धर्म में लोग विभक्त हुए। अपने समाज और संस्कृति के साथ सभी बढ़ते चले गए। कुछ पीछे भी रहे।

ऐसे पीछे छूट चुके समाज की महिलाएं और भी पीछे चली गई। लेकिन पुरुष की तरह हर कुछ महिलाएं भी कर सकती हैं। नीति निर्धारण करने वालों ने अलग-अलग तरीके से नीति का निर्धारण किया। बावजूद इसके मानव जीवन ने यह महसूस किया कि पुरुष के साथ-साथ महिलाएं को भी साथ चलना चाहिए। तभी विकास की अवधारणा परिलक्षित होगी।

इस अवसर पर बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। पुरुष के साथ कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में कई योजनाओं का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। समय है आवश्यकता अनुरूप योजनाओं को चुनकर आगे बढ़ने की। तेजस्विनी परियोजना का क्रियान्वयन 17 जिलों में हो रहा है। 12, 800 क्लब में 10.89 लाख युवतियां जुड़ी है। सरकार लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।

इस अवसर पर *मुख्यमंत्री सोरेन और मंत्री मांझी ने सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम का विमोचन किया। सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम राज्य के 17 जिला में शुरू हो रहा है। इसके तहत स्कूल से दूर 8वीं से 10वीं तक 14 से 20 वर्ष की किशोरियों/युवतियों को शिक्षा मुहैया कराना है।

मुख्यमंत्री ने योजनाओं का लाभ देने के लिए ग्रामीण महिलाओं को आधार किट प्रदान किया। योजनाओं में आधार कार्ड की अनिवार्यता को देखते हुए महिला पर्यवेक्षिकाओं को किट दिया गया, ताकि लाभुकों का आधार कार्ड बने और उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जा सके।

आयोजित कार्यक्रम में बोकारो जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि जिला प्रशासन ने तेजस्विनी परियोजना के तहत लगभग दो लाख 51 हजार से ज्यादा परिवारों का सर्वे कराया। जिसमें यह चिन्हित किया गया है कि ऐसी कितनी किशोरी/युवती हैं जिन्होंने किसी कारण अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है या किसी कारण से वंचित रह गई है।

ऐसी किशोरी/युवती को भी चिन्हित किया गया, जिनका कौशल विकास कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर स्वलंबी बनाया जा सके। जिले के ऐसे दो हजार से ज्यादा किशोरियों/युवतियों को चिन्हित किया गया है। मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन तेजस्विनी अध्ययन केंद्र का उद्घघाटन किया गया। जिसमें ऐसी चिन्हित किशोरियों/युवतियों को सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जाएगा। आने वाले दिनों में जिले में ऐसे तीन दर्जन से ज्यादा केंद्रों का संचालन होगा।

प्रोजेक्ट भवन स्थित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, निदेशक समाज कल्याण ए डोर्दे, विश्व बैंक के प्रतिनिधि, सखी मंडल की महिलाएं एवं अन्य उपस्थित थे।

वहीं, जिले के चास प्रखंड के अलकुशा पंचायत भवन में उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी वीणा कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार भारती, प्रखंड विकास पदाधिकारी चास मिथिलेश कुमार चौधरी, आदि।

सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, केंद्र में शिक्षा सेवा प्रदाता स्कूलनेट के गौतम मेती, जिला परिषद सदस्य, चास प्रमुख, मुखिया, स्कुलनेट के नूपुर मिर्धा, सरोजित दास, सुधीर पांडेय सहित किशोरी/युवती आदि उपस्थित थे।

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