सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। सारंडा क्षेत्र के छोटानागरा में स्थित एकमात्र पशु चिकित्सालय सारंडा वासियों के लिये वर्षों से सफेद हाथी साबित हो रहा है। इस अस्पताल में नियुक्त सरकारी पशु चिकित्सक कभी आते हीं नहीं है।
ग्रामीणों को यह भी पता नहीं है कि इस अस्पताल में कौन पशु चिकित्सक नियुक्त हैं। चिकित्सक अपने घर में अथवा पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा व् मनोहरपुर में रहकर ही ड्यूटी बजाते और वेतन उठाते रहते हैं।
छोटानागरा रहिवासी प्रकाश गोप ने 11 जुलाई को एक भेंट में बताया कि तीन गाय को सीमोन डलवाना था, ताकि वह गर्भवती हो सके। यहां के पशु चिकित्सालय में कभी कोई डॉक्टर रहते नहीं हैं। यहां हमेशा ताला बंद रहता है। इस संबंध में 11 जुलाई की सुबह मनोहरपुर के पशु चिकित्सक डॉक्टर संजय को फोन किया गया।
उन्होंने किसी विकास नामक चिकित्सक को छोटानागरा भेजा, लेकिन वे एक गाय में सिमोन डालकर भाग गये। एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी गोवर्धन ही बीच बीच में आते हैं।
छोटानागरा एवं आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि बकरी, मुर्गी, गाय, बैल आदि को अज्ञात बीमारी नष्ट कर रहा है, जो चिंता का कारण बना हुआ है। जब सरकार छोटानागरा में सरकारी पशु चिकित्सालय खोली है, तो डॉक्टर व अन्य स्टाफ नियमित क्यों नहीं रहकर जानवरों का इलाज करते हैं। यह जांच का विषय है।
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