सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान गंगा आरती के साथ संपन्न हो गया।
छठ महापर्व के दौरान बीते 19 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया तथा दूसरे दिन 20 नवंबर को उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही बनारस से आए पंडित द्वारा महा गंगा आरती की गई। जिसमें नोवामुंडी का ओड़िया तालाब छठ घाट गंगा आरती को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। छठ गीतों से घाट का पूरा वातावरण गूंज रहा था।
इस दौरान विश्व विख्यात गंगा आरती के तर्ज पर बीते 19 नवंबर की संध्या आरती करते हुए डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया एवं दूसरे दिन उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य के दौरान छठ व्रतियों ने फल और प्रसाद से भरा दउरा और सुप रखकर सूर्य उपासना की।
ज्ञात हो कि पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी स्थित ओड़िया तालाब छठ घाट में पहली बार गंगा आरती का आयोजन छठ कमेटी के द्वारा किया गया था। इसलिए रहिवासियों के लिए यह खास कौतूहल का विषय था।
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