छठ व्रतियों में हर वर्ष बनी रहती है भय की भावना
धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। विष्णुगढ़ प्रखंड के हद में गाल्होवार पंचायत के शिव मंदिर स्थित तालाब छठ घाट जो बहुत पुरानी है। रहिवासियों द्वारा प्राचीन काल से ही यहां छठ पूजा किया जाता रहा है। झारखंड अलग राज्य होने को 22 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक उक्त तालाब में छठ घाट का निर्माण नहीं हो पाया है।
खास यह कि, यहां छठ घाट का निर्माण नहीं होने के कारण तालाब की व्यवस्था बद से बदतर है। तालाब के चारों ओर गंदगी और झाड़ी फैली हुई है।
तालाब तट ऊंचा नीचा मिट्टी रेत भूमि है। हर वर्ष छठ पूजा आने पर छठ व्रतियों एवं ग्रामीणों को तालाब में नहाने -धोने उतरने और चढ़ने पर भय की भावना बनी रहती है। साथ ही छठ व्रतियों को अर्घ देने के लिए काफी परेशानियां होती है। थोड़ी सी चूक होने पर छठ व्रती बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने छठ घाट की दुर्दशा देखकर दु:ख जताया है। साथ ही ग्रामीण कहते हैं कि, प्रत्येक वर्ष छठ व्रतीयों द्वारा तालाब के कुछ हिस्सों में स्वयं अपने स्तर से साफ सफाई करवा कर समतलीकरण किया जाता रहा है।
स्थानीय रहिवासियों का कहना है कि ना ही कोई अधिकारी और ना ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि का ध्यान आज तक इस तालाब छठ घाट की ओर पड़ी है। ग्रामीणों ने छठ घाट के जल्द से जल्द निर्माण के लिए क्षेत्र के विधायक, प्रशासनिक अधिकारी एवं सरकार से की है।
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