एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। आस्था का पर्व छठ बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल में जगह जगह भक्तिभाव व स्वच्छता के साथ मनाया जा रहा है। छठव्रतियों ने 27 मार्च को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
यह पर्व शुख, शांति, पुत्र प्राप्ति, अमन चैन के लिये मनाया जाता है। छठ व्रती तीन दिन निर्जला उपवास कर इसे मनाती हैं।
पौराणिक कथाओं पर आधारित यह पर्व आज भारत में ही नही विदेशों में भी मनाया जाने लगा है।
जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल के फुसरो और करगली घाट पर रंग बिरंगे परिधानों में सुसज्जित महिला, पुरुष व बच्चों की भीड़ मनमोहक छटा बिखेर रही थी।
सबसे दु:खद पहलू यह रही कि छठव्रतियों की सुविधा व सुरक्षा के लिये पुलिस प्रशासन कहीं दिखाई नही पड़ी। कम से कम रोड पर ट्राफिक कंट्रोल के लिये पुलिस का होना चाहिये था।
क्षेत्र के करगली गेट, हिंदुस्तान पुल फुसरो, जारंगडीह, बोकारो थर्मल, तेनुघाट, चंद्रपुरा के दामोदर नदी के तट पर छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान सूर्यदेव की पूजा की।
छठ पर्व के अंतिम पड़ाव में 28 मार्च को सुबह छठ व्रर्ती उगते हुए सूरज को अर्घ्य देंगे। इसी के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो जाएगा। छठ को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। काफी संख्या में श्रद्धालू छठ पर्व में शामिल हुए।
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