छात्रों के भविष्य को संवारता चेंबूर का तुलसी टेक्नीकल

वोकेशनल स्टीम की तरफ छात्रों का रुझान

मुश्ताक खान/मुंबई। दसवीं के बाद वोकेशनल स्टीम के 13 विषयों को लेकर तुलसी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट देश का पहला और सबसे बड़ा शिक्षा संस्थान बन गया है। विवेकानंद एजुकेशन सोसायटी (वीईएस) द्वारा संचालित तुलसी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट में मध्यवर्गीय और आर्थिक तंगियों का सामना कर रहे छात्रों सहित पाठ्यक्रम में कमजोर छात्रों के भविष्य को संवारा जाता है।

यह सिलसिला करीब 3 दशकों से जारी है। इस इंस्टीट्यूट से प्रतिवर्ष 12 वीं की शिक्षा सहित हुनर हांसिल कर करीब 300 से अधिक छात्रों को किसी न किसी कंपनी में नौकरी मिल जाती है, या फिर यही छात्र उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होते हैं। बता दें कि कुल 13 विषयों में संचालित इस इंस्टीट्यूट में शिक्षकों द्वारा कई प्रकार के हुनर सिखाये जाते हैं, जो छात्रों के भविष्य को सुनहरा बनता है।

पूर्व प्रधानमंत्री की देन है वोकेशनल स्टीम

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने देश की जनता के अनुरूप और पाठ्यक्रम में कमजोर उन युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए, कौशल योजना के तहत महज 3 विषयों पर आधारित वोकेशनल स्टीम की शुरुआत कराई थी। ताकि देश का हर युवा शिक्षित और हुनरमंद हो।

केंद्र सरकार (Central Government) की इस योजना को धरातल पर उतरने के लिए विवेकानंद एजुकेशन सोसायटी के संस्थापक और शिक्षाविद स्व. हाशु अडवाणी ने पहल की। इसके तहत उन्होंने टीम बनाई और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से सफल भी हुए। दरअसल स्व. हाशु अडवाणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक थे। बावजूद इसके उन्होंने चेंबूर को शिक्षा हब बनाने में कोई कसार नहीं छोड़ी। चेंबूर के शिल्पकारों के रूप में स्व. हाशु अडवाणी को पहचाना जाता है।

शिक्षा के दौड़ में असमंजस की स्थिति

दरअसल दसवीं पास करने के बाद अधिकांश छात्र और उनके अभिभावक आगे की शिक्षा और विषयों को लेकर असमंजस की स्थिति से रहते है। शिक्षा के प्रति स्पर्धा में असमंजस के कई कारण बताये जाते हैं। इनमें आर्थिक स्थिति और शिक्षा के प्रति रुझान आदि को अहम माना जाता है। इसे देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के सुझाव पर इस पाठ्यक्रम की शुरुआत 1988 में की गई थी।

जिसे वीईएस के संस्थापक और शिक्षाविद स्व. हाशु अडवाणी ने महाराष्ट्र के तात्कालिक सरकार के सहयोग से धरातल पर उतरा। उनहोंने अपनी इस टीम में वीएस प्रसाद को साथ लिया , चूंकि प्रसाद के पास वो सभी गुण थे।

13 विषयों पर आधारित है वोकेशनल स्टीम

उल्लेखनीय है कि 1988 से वीएस प्रसाद वोकेशनल स्टीम के 3 विषयों से जुड़े और मौजूदा समय में 13 विषयों के साथ तुलसी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट को संचालित कर रहे हैं। मौजूदा समय में इस इंस्टीट्यूट में 750 छात्रों का कारवां है। जो इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी, एकाउंटिंग एंड ऑफिस मैनेजमेंट, बैंकिंग, आदि।

फाइनेंसियल सर्विसेज एंड इन्सुरेंस, लॉजिस्टिक्स एंड सप्लाई चैन मैनेजमेंट, मार्केटिंग एंड रिटेल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड फ़ूड टेक्नोलॉजी, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलोजी टेक्नोलॉजी और चाइल्ड, ओल्ड आगे एंड हैल्थ केयर सर्विसेज आदि का समावेश है। उपरोक्त सभी पाठ्यक्रम (वोकेशनल स्टीम) दसवीं के बाद शुरू होता है जो 11 वीं और 12 वीं यानि दो वर्षों में शिक्षा के साथ पूरी होती है।

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