चेंबूर के रिक्शा चालक के बेटे ने एमपीएससी परीक्षा में मारी बाजी

मुश्ताक खान/मुंबई। चेंबूर के एक रिक्शा चालक के बेटे ने एमपीएससी परीक्षा मे बेहतर अंकों से पास कर अपने पिता के सपनों को साकार किया है। हालांकि उसके पिता सुदाम मोटे ने अपने बच्चों की खुशहाली के लिए शिक्षा को प्राथमिकता देते रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन की गढ़ी कमी को अपने बच्चों पर निछावर कर दिया। जिसका नतीजा आज एमपीएससी परीक्षा के परिणाम के बाद देखने को मिला है।

महंगाई के इस दौर मोटे ने एक -एक पैसे जोड़कर अपने बच्चों की शिक्षा पर न केवल खर्च किया बल्कि उड़ा दिया। दरअसल चेंबूर खारदेव नगर, घाटला निवासी सुदाम मोटे के बेटे कुमार विनायक सुदाम मोटे ने शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 की परीक्षा में बेहतर अंकों से पास हो कर पिता के सपनों को साकार किया है। कड़ी मशकत के बाद कुमार विनायक ने महाराष्ट्र कैडर में अपने लिए जगह बनाई है, जो कि सराहनीय है। विनायक के बेहतर अंकों से पास होने की खबर सुनकर स्थानीय रहिवासियों मे ख़ुशी का माहौल है। उसने अपने इलाके के साथ -साथ पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है।

बताया जाता है कि एमपीएससी के परीक्षा परिणाम आने के बाद से पूरे इलाके में ख़ुशी का माहौल है, पास पड़ोस के लोग उन्हें और उनके परिजनों को बधाई देने आ रहे हैं। चूंकि इस परिसर से यह पहला युवक है, जिसने एमपीएससी परीक्षा ब्रेक किया है। इससे आसमान छूती महंगाई में जी तोड़ मेहनत कर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने वाले सुदाम मोटे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बताया जाता है कि शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के एमपीएससी का परीक्षा परिणाम ने सुदाम मोटे सहित उनके खानदान में खुशियों की बरसात कर दी है। कुमार विनायक सुदाम मोटे के एमपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद पूरे विभाग में खुशी का माहौल है।

एमपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उनकी सराहना करते हुए बेस्ट समिति के अध्यक्ष अनिल पाटनकर, चेंबूर सिटीजन्स कोऑपरेटिव बैंक की निदेशक श्रीमती मीनाक्षी अनिल पाटणकर, सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र नागरले, महिला उपविभागीय संगठन सुलभा पट्टयाने, महिला चेंबूर विधानसभा सह-समन्वयक श्रीमती अनिता महाडिक, चेंबूर विधानसभा संयोजक संदीप गुरव, महिला शाखा संघ श्रीमती योगिता म्हात्रे, चंद्रकांत डोलसे, शशिकांत ऐवले, वैशाली कदम, सुनीता कापसे, बबीता राउत सहित अन्य गणमान्यों ने पिता पुत्र को बधाई दी। इससे पहले विनायक नारले ने झुग्गी बस्ती में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता हासिल की थी। विनायक मोटे के प्रदर्शन से पूरे विभाग से सराहना मिल रही है। साथ ही, उनकी यात्रा अन्य स्लम छात्रों के लिए प्रेरणा बनेगी।

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