भयंकर सूखे की चपेट में चन्दनकियारी व् चंद्रपुरा प्रखंड-राजदेव माहथा

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। झारखंड आन्दोलकारी संघर्ष मोर्चा के प्रधान महासचिव एवं वरीय किसान राजदेव माहथा ने 6 जुलाई को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि जुलाई माह में भी मॉनसून की बारिश जिस गति से होना चाहिए था, वह नहीं हो रहा है।

पर्याप्त जल किसानों एवं खेतों को नहीं मिल पा रहा है। सूखे खेतों में डाला हुआ धान का बिचड़ा एवं अन्य खरीफ फसलों, साग-सब्जियों का बीज जल के बिना अंकुर नहीं निकल पा रहा है। जो निकल गयें हैं, वो मर रहे हैं। किसानों में त्राहिमाम् मचा हुआ है।

महथा ने कहा कि पिछले वर्ष 2022 को चास व् चन्दनकियारी प्रखंड के किसानों को भयंकर सूखाड़ से जुझना पड़ा है। सम्पूर्ण बोकारो जिला के सभी प्रखंडों को सूखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया था। परन्तु इस वर्ष चास, चन्दनकियारी एवं चन्द्रपुरा प्रखंड को भयंकर सूखाड़ से प्रभावित होने के बावजूद भी सूखाड़ क्षेत्र घोषित न होना गंभीर विषय है।

इस प्राकृतिक आपदा सूखाड़ का लाभ न मिलना, क्षेत्रिय जन-प्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा में सरकार के समक्ष न उठाना भी बड़ा कारण है। सरकारी तंत्रों द्वारा प्रभावित तीनों प्रखंडों को सम्पूर्ण रूप से सूखाड़ प्रभावित क्षेत्रों का भौतिक रुप से जांच नहीं करना और सही रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जाना आश्चर्य की बात है।

उन्होंने कहा कि चास, चन्दनकियारी एवं चन्द्रपुरा प्रखंड के सूखाड़ पीड़ित अन्नदाताओं को किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं मिल पाया। जो अन्नदाताओं के साथ धोखा है। नायक अपने गृह पंचायत काण्ड्रा का क्षेत्र भ्रमण के दौरान कहा कि यहां का तालाब, चेक डेम, नदी, जोरीया-नाला, कुएं, चापाकल एवं अन्य जल-श्रोत भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण सूख गए हैं।

जल के अभाव में खेतों में डाला हुआ धान का बीज एवं अन्य खरीफ फसलों, साग-सब्जियों का बीज जल के अभाव में अंकुरित होकर निकल नहीं पा रहा है। जो बीज अंकुरित होकर निकल गया है, वो मर रहा है।पशु-पक्षियों में जल के अभाव में हाहाकार मचा है। माहथा ने कहा कि वर्तमान तक माॅनसुन का सही समय पर न बरसना और खेतों में धान की रोपाई शुरू न होना, किसानों के लिए चिन्तनीय विषय है।

उन्होंने कहा कि बीते वर्ष सभी किसानों ने अपने घर का रखा जमा पूंजी भी अपने खेतों में धान, खाद एवं अन्य खरीफ फसलों के लिए बीजों, जोताई आदि में लगा दिएं हैं। अन्नदाताओं की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है।

अतः झारखंड सरकार से वे मांग करते है कि चास, चन्दनकियारी एवं चन्द्रपुरा प्रखंड के किसानों को पिछले हुए प्राकृतिक आपदा सूखाड़ को गंभीरता से लेते हुए सूखाड़ पीड़ितों को सरकारी लाभ दिया जाए। साथ हीं किसानों के हित में राहत योजना चलाई जाए।

 106 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *