गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। पूरे वैशाली जिले में लोक आस्था और सू्र्य उपासना का पर्व चैती छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह जगह छठ व्रती द्वारा 14 अप्रैल की संध्या बेला में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया गया।
जानकारी के अनुसार लोक आस्था का पर्व छठ के तीसरे दिन 14 अप्रैल को पहला अर्घ्य गंगा, गंडक के नदी घाट, तालाब या अपने-अपने घरों पर छठवर्तियो ने शाम के समय डूबते भगवान भास्कर को जल अर्पित किया और पूजा-अर्चना की।
ज्ञात हो कि, चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन 15 अप्रैल को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे।
इस अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा हाजीपुर में नदियों के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम किया गया है। चैती छठ के तीसरे दिन पर्व को लेकर व्रती गंगा के घाट से लेकर विभिन्न नदियों के तटों, तालाब और जलाशयों पर पहुंचे और भगवान भास्कर की पूजा-अराधना की। गंगा तटों पर छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। छठ पर्व को लेकर नदियों के घाटों पर सुरक्षा का पुख्ता व्यवस्था की गई है।
इसके पहले व्रतियों ने बीते 13 अप्रैल की संध्या बेला भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया था। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था। पर्व के चौथे और अंतिम दिन 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालुओं का व्रत संपन्न हो जाएगा। इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर पारण करेंगी।
हिंदू परंपरा के अनुसार, कार्तिक और चैत्र माह में छठ व्रत का आयोजन किया जाता है। इस दौरान व्रती भगवान भास्कर की अराधना करते हैं। चार दिनों तक चलनेवाला यह पर्व छठ व्रतियों द्वारा निर्जला पूर्ण किया जाता है।
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