डीएवी ढोरी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती का आयोजन

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। फुसरो-डुमरी मुख्य पथ पर बोकारो जिला के हद में मकोली मोड़ के समीप स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में 23 जनवरी को आजाद हिंद फ़ौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाया गया।

जानकारी के अनुसार डीएवी ढोरी के दयानंद सभागार में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी, आजाद हिंद रेडियो और आजाद हिंद फौज के संस्थापक प्रखर शिक्षा विद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व कर्ता फारवर्ड ब्लाक के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस को पूरे हषोल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर कहा गया कि नेताजी का जन्म उड़ीसा के कटक में 23 जनवरी 1897 को मां प्रभावती देवी और पिता जानकी नाथ बोस के आंगन में हुआ था। कटक की रावे शाॅ कॉलेजिएट स्कूल से 1913 में मैट्रिक, 1915 में इंटर, 1916 में प्रेसीडेंसी कॉलेज के लिए चयनित हुए। बताया गया कि नेताजी ने वर्ष 1920 में इंडियन कमीशन सर्विस (आईसीएस) की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए।

1921 में पूर्ण भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए और मात्र चार महीने में नेताजी इस्तीफा देकर भारत की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रचार्य सत्येंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रचार्य व उपस्थित शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं ने नेताजी की तैल चित्र पर पुष्पांजलि समर्पित की।

आयोजित जयंती कार्यक्रम में विद्यालय के कक्षा दशम और एकादश के छात्रों ने भाग लिया। कक्षा एकादश के छात्र रोहन कुमार ने हिंदी में भाषण प्रस्तुत किया तथा कक्षा एकादश की छात्रा सौम्या सिंह ने अंग्रेजी में वक्तव्य पेश की।

विद्यालय की शिक्षिका आरती सिंह एवं कक्षा एकादश की छात्रा समूह गान प्रस्तुत किए। कक्षा एकादश की छात्रा प्रगति वर्मा द्वारा इस अवसर पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा नवम दशम के छात्रों ने भाग लिया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रचार्य सत्येंद्र कुमार ने नेताजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नेताजी ने देश हित के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। उन्होंने बताया कि इस तरह के बलिदान और देश प्रेम कार्यक्रम के आयोजन से विद्यालय के बच्चे काफी लाभान्वित होंगे तथा उनका चौमुखी विकास होगा।

उनकी बौद्धिक क्षमता, संकल्प तथा देश प्रेम आदि का विकास होगा। उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा बाहर निकलकर आएगा तथा बच्चे देश के लिए अपना योगदान कर सकेंगे। उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हमें नेताजी के जीवन से देश के प्रति मर-मिटने की भावना जागृत करने की आवश्यकता है।

ताकि, एक ईमानदार नागरिक बनकर देश के लिए काम आ सके।कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रभात सहाय, सत्येंद्र कुमार शर्मा, अशोक पाल, सतीश कुमार सिंह, विवेकानंद महतो, रोहित सिंह, आरती सिंह, एस सी शुक्ला आदि ने सराहनीय योगदान दिया।

 

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