प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पूरे धूमधाम से मनाई गई। यहां वैदिक मंत्रोच्चारण कर स्वामी महर्षि दयानंद सरस्वती को याद किया गया।
इस अवसर पर डीएवी गुवा के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नई दिल्ली मे आज दिए गए वक्तव्य, वेदों की ओर लौटो की सरहाना कर उसे अनुकरणीय व् प्रेरणा का श्रोत बताया।
डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में 12 फरवरी को स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पूरे धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार की अध्यक्षता में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन कर जनकल्याण एवं समाज के उत्थान की कामना की गई।
स्कूल के धर्म शिक्षक आशुतोष शास्त्री एवं राजवीर सिंह के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण कर स्वामी महर्षि दयानंद सरस्वती को याद किया।
कार्यक्रम के अगले चरण में महर्षि दयानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सभी शिक्षकों ने प्राचार्य की अध्यक्षता में महर्षि दयानन्द को नमन व बारी-बारी से पुष्प अर्पण किया।
स्कूल के प्राचार्य डॉ मनोज ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था।स्वामी दयानंद न केवल आर्य समाज के संस्थापक थे, बल्कि वे देशभक्त होने के साथ-साथ महान चिंतक और समाज-सुधारक भी थे।
उन्होंने समाज की तरक्की के लिए कई बड़े-बड़े कार्य किए। बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर कर समाज को नई दिशा दिखाई। इन कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने वेदों का प्रमाण दिया।
प्राचार्य ने कहा कि आज के युवा जागरूक हैं। उन्हें स्वामी दयानंद के अनमोल विचारों को पढ़ना चाहिए। प्राचार्य ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नई दिल्ली मे आज दिए गए वक्तव्य, वेदों की ओर लौटो की सरहाना कर उसे अनुकरणीय व प्रेरणा का स्त्रोत बताया।
कार्यक्रम के आयोजन में स्कूल के शिक्षकों में अनन्त कुमार उपाध्याय, विकास मिश्रा, रंजना प्रसाद, ज्योति गिरी, पुष्पांजलि नायक, बी जी सिंह, कुमार कश्यप, रौशन कुमारी, सत्येंद्र राय, दीपा राय, एस के पांडेय, नीलम सहाय, योगेन्द्र त्रिपाठी, आकांक्षा सिंह, वी लता रानी, ज्योति सिन्हा, भास्कर चंद्र दास, पंकज कुमार, अनिरुद्ध दत्ता, मोनिका महंता, अनीला एक्का, अन्नपूर्णा साहू व अन्य कई शामिल थे।
कार्यक्रम के आयोजन में शिक्षकेत्तर कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर सेल गुवा प्रबंधन से स्वामी दयानन्द की मूर्ति विद्यालय परिसर के अन्दर लगाए जाने की अपील की गई।
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