हेमंत सरकार में बढ़ने लगा सीसीएल की परेशानी

रोज-रोज की बंदी से कोयला उत्पादन प्रभावित

एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। कारण चाहे निजी स्वार्थ सिद्धि का हो या जनहित का। कुछ न कुछ मामले को लेकर हेमंत सरकार (Hemant Government) में सीसीएल (CCL) की परेशानी बढ़ने लगी है। रोज-रोज की बंदी से कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

उदाहरण के तौर पर बेरमो कोयलांचल में बीएंडके (B&K) क्षेत्र सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाला क्षेत्र है। ढोरी और कथारा क्षेत्रों की तुलना में यहां चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोयले की काफी अधिक उत्पादन हो रहा है।

लेकिन विस्थापितो एवं बेरोजगारो को लेकर बेरमो विधायक (Bermo MLA) ने कोनार साइडिंग का कार्य ढप करा दिया है। अब झामुमो भी आगामी 16 जनवरी से बीएंडके एरिया का अनिश्चितकालीन चक्का जाम की घोषणा कर दी है। इसे लेकर बीएंडके प्रबंधन परेशान है।

जानकारी के अनुसार समस्या सीसीएल मुख्यालय के सहयोग से हल होना है। लेकिन फिलवक्त वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतिम तिमाही में उत्पादन प्रभावित हो रहा है, जो प्रबंधन के लिए चिंता और बंद आयोजको के लिए पुनर्विचार का विषय बन गया है। सरकार एवं सीसीएल प्रबंधन द्वारा अगर जल्द हीं इस ओर कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया तो क्षेत्र का भविष्य पुन: गर्त में समा जायेगा।

 530 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *