विभागीय कार्य पर सीसीएल प्रबंधन का फोकस-निदेशक

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। कथारा क्षेत्र में कोयला उत्पादन की असीम संभावनाएं है। कुछ समस्याओं का निदान करने के बाद यहां उत्पादन तथा उत्पादकता को बेहतर किया जा सकता है।

प्रबंधन की सोंच विभागीय कार्यों को ज्यादा तरजीह देना है।
उक्त बातें सीसीएल मुख्यालय रांची के निदेशक तकनीकी ऑपरेशन (डीटीओ) हरीश दुहान ने 18 जून को बोकारो जिला के हद में कथारा दौरे के क्रम में स्थानीय अतिथि भवन में कही।

डीटीओ ने कहा कि क्षेत्र के कथारा कोलियरी में कोयला उत्पादन की असीम संभावना है। विभागीय स्तर पर इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जारंगडीह परियोजना का विस्तार के लिए वहां स्थित चर्च तथा टाटा ब्लॉक की शिफ्टिंग आवश्यक है, तभी यहां उत्पादन अनुपात बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कोयला उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता के अलावा मशीनों के बेहतर इस्तेमाल की भी बात कही।

डीटीओ ने कहा कि कथारा क्षेत्र में दो कोल वाशरी है। इसके अलावा कथारा में एक नई वाशरी बनाया जाएगा। इसके तैयार होने में कम से कम 3 साल लगेगा। तब तक उक्त वाशरी से जो बेहतर संभव है इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्वांग पिपराडीह नयी कोयला परियोजना को लेकर आशा व्यक्त की कि इससे क्षेत्र का भविष्य उज्जवल होगा।

चालू वित्त वर्ष 2024-25 में इस परियोजना को चालू किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यालय स्तर पर प्रयास जारी है। मौके पर क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार सहित मुख्यालय तथा क्षेत्र के दर्जनों अधिकारीगण उपस्थित थे।

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