सीसीएल प्रबंधन ग्रामीणों को सिर्फ छलने का काम किया है-प्रमुख

ग्रामीणों ने कोयला साइडिंग में रेक नहीं लगने देने को लेकर किया प्रदर्शन
प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बेरमो प्रखंड के बरवाबेड़ा के ग्रामीणों ने 12 दिसंबर को कोयला साइडिंग में रेक नहीं लगने देने को लेकर सीसीएल प्रबंधन के नीतियों के खिलाफ पंचायत समिति सदस्य खैरून निशा के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से बेरमो प्रमुख गिरजा देवी, बेरमो पश्चिमी पंचायत की मुखिया फरहत बानो, पंचायत समिति सदस्य खैरुन निशां सहित कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता मौजूद थे।

इस संबंध में ग्रामीणों का कहना था कि सीसीएल प्रबंधन यहां के लोगों को छलने का काम कर रही है। ग्रामीणों के साथ पूर्व में जो वादे किए गए थे उस पर खरा नहीं उतर रही है। इस दौरान ग्रामीणों ने सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारे लगाए।

बेरमो प्रमुख गिरजा देवी ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन बरवाबेडा के ग्रामीणों को सिर्फ छलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सीसीएल के कोनार परियोजना के आउटसोर्सिंग कंपनियों में बाहर के लोगों से काम कराया जा रहा है। स्थानीय बेरोजगारों के प्रति उनका रवैया साफ नहीं है।

उन्होंने कहा कि पहले यहां के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दे, तभी यहां कोलियरी का विस्तार करने दिया जाएगा और रेक से कोयले की ढुलाई की छूट दी जाएगी। मुखिया फरहत बानो ने कहा कि कोयला रेक के कारण प्रदूषण, डस्ट और गर्द व गुबार से यहां के रहिवासियों का जीवन तबाह हो रहा है। ब्लास्टिंग से कई घरों में दरार आ गई है। कई घरों के छत गिर चुके हैं।

यहां के लोगों को हैवी ब्लास्टिंग से जान माल का खतरा बना रहता है। रेलवे लाइन पर रेक लगे रहने के कारण बच्चों को स्कूल जाने और महिलाओं को नदी से पानी लाने में काफी परेशानी बन गई है।

पंचायत समिति सदस्य खैरुन निशां ने कहा कि बरवाबेड़ा के ग्रामीणों को सीसीएल प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि जब तक यहां के लोगों को शिफ्टिंग और उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं कर दिया जाता, तब तक यहां रेक नहीं लगेगा।

लेकिन आज सीसीएल प्रबंधन अपने वादों से मुकर कर रेक लगाने का काम कर रही है। जिसके कारण यहां के लोग प्रदूषण झेलने पर मजबूर हैं। चारों तरफ से सड़क को बंद कर दिया गया है। लगभग हजारों की आबादी वाला यह गांव अनेकों समस्याओं से ग्रसित हो चुका है। यहां के बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा सकते।

यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए काफी दूर संडे बाजार हरिहरपुर जाना पड़ता है। कोनार परियोजना के काम को चालू कर सड़क को बंद कर दिया गया है। बच्चे अशिक्षित हो रहे हैं। जिसका यहां के अभिभावकों को काफी मलाल है।

उन्होंने कहा कि सीसीएल प्रबंधन हम लोगों को जमीन के बदले नौकरी, मुआवजा और शिफ्टिंग की व्यवस्था कर दे। हम लोग यहां से जाने को तैयार रहेंगे। असंगठित नेता गुलाम जिलानी ने कहा कि सीसीएल (CCL) प्रबंधन हमारी मांगे पूरी नहीं करती तो जोरदार आंदोलन होगा।

जब तक यहां के लोगों को नौकरी रोजगार, मुआवजा और शिफ्टिंग की व्यवस्था नहीं कर दी जाती। तब तक यहां से रेक पर कोयला लोड नहीं करने दिया जाएगा।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से मोहम्मद हयात अंसारी, मोहम्मद इस्लाम, गुलाम जिलानी, मोहम्मद अजीज, मोहम्मद इजहार, पिंटू, अली हुसैन, बदरुद्दीन, खुर्शीद, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद मकसूद, मोहम्मद अजीम आदि सैकड़ों रहिवासी शामिल थे।

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