प्रहरी संवाददाता/बोकारो। झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री सह अखिल भारतीय आदिवासी परिषद की चेयरपर्सन गीताश्री उरांव ने बीते 29 नवंबर को बोकारो जिले का दौरा किया। दौरे के क्रम में पूर्व मंत्री बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा महाप्रबंधक कार्यालय सभाकक्ष में महाप्रबंधक हर्षद दातार के साथ बैठक की।
बैठक में पूर्व मंत्री गीताश्री ने कहा कि ग्रामीणों की जमीन पर कोलियरी से सीसीएल ने करोड़ों-अरबों की कमाई कर चुकी है। बावजूद इसके लगभग सौ एकड़ जमीन के विस्थापित रैयतों को भूमि के बदले अब तक न तो नौकरी मिली, न ही मुआवजा।
उन्होंने महाप्रबंधक दातार से कहा कि उचितडीह गांव के प्रभावित ग्रामीणों को जल्द मुआवजा और परिवार के सदस्य को स्थायी नियोजन दे। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीसीएल प्रबंधन ग्रामीणों का जमीन भी ले लिया और पुनर्वास भी नहीं किया। यहां तक कि उन्हें अबतक बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया।
उपस्थित विस्थापित रैयत छोटो मांझी ने कहा कि 4 रैयत विस्थापित परिवार नौकरी व मुआवजा के लिए पिछले 10 वर्षों से लगातार सीसीएल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। विधानसभा की याचिका समिति के पास भी फरियाद की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
महाप्रबंधक दातार ने इस मुद्दे पर सीसीएल मुख्यालय व संबंधित पदाधिकारियों से बात कर समस्या समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी सर्वेक्षण कुमार राकेश चंद्रा सहित दर्जनों रैयत विस्थापित उपस्थित थे।
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