एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। सीसीएल (CCL) की चर्चित आम्रपाली कोल परियोजना से कोयले कि हेराफेरी किये जाने के मामले में सीबीआई (CBI) द्वारा आम्रपाली सहित बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में करगली स्थित महाप्रबंधक कार्यालय में रेड मारने की जानकारी मिली है। इस दौरान कोल परियोजना क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बना रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 अगस्त को चार-पांच की संख्या में सीबीआई टीम आम्रपाली परियोजना कार्यालय पहुंचकर कोयला हेराफेरी मामले की जानकारी खंगालने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही सीसीएल अधिकारियों व कर्मियों में हड़कंप मच गया।
सूत्रों की माने तो सीबीआई की टीम को कोयला उत्पादन, प्रेषण व स्टॉक से संबंधित दस्तावेज हाथ लगी है। टीम ने आम्रपाली स्थित महालक्ष्मी व मां अंबे ज्वाइंट भेंचर आउटसोर्सिंग कंपनी के कार्यालय भी पहुंची। जिसकी भनक लगते ही आउटसोर्सिंग अंबे कंपनी के अधिकारी व कर्मी दफ्तर छोड़ कर फरार हो गए। हलाकि सीबीआई द्वारा दो कर्मी को हिरासत में लेने की सूचना है।
टेरर फंडिंग को लेकर मगध -अम्रपाली क्षेत्र के संवेदनशील मामले में सीबीआई की एक टीम ने बीएंडके क्षेत्र के सेफ्टी ऑफिसर शंभूनाथ झा के करगली दफ्तर औऱ आवास पर औचक छापामारी कर टीम ने कई कागजात जप्त किया।
ज्ञातव्य हो कि इस संबंध में टेरर फंडिंग को लेकर मामला प्रकाश में आया था। जिसको लेकर जांच की जिम्मेवारी सीबीआई को दी गई थी। सीबीआई टीम कई लोगों से इस संबंध में जांच पड़ताल कर रही है। सीबीआई की टीम यहां लगभग 2 घंटे तक जांच पड़ताल किया।
बताते चले कि झारखंड के चतरा जिले के हद में स्थित मगध-आम्रपाली कोल परियोजना एनआईए के बाद अब सीबीआई के रडार पर है। सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना में करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक की गड़बड़ी सामने आने की सूचना है।
वहीं सीबीआई की यह कार्रवाई सीसीएल अधिकारियों द्वारा पांच वर्षों से कोयले की क्वालिटी में हेराफेरी कर सरकार को करोड़ो के राजस्व का नुकसान पहुंचाने को लेकर की जा रही है। सूचना है कि जांच में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण सबूत भी हाथ लगे हैं।
परियोजना से संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। कोल उत्पादन और डिस्पैच में गड़बड़ी की भी जांच की जा रही है। वहीं, टेरर फंडिंग से संबंधित दस्तावेजों की भी बारीकी से जांच की जा रही है।
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