गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला के हद में जन्दाहा थाना प्रभारी द्वारा भारतीय सेना के शहीद जवान के पिता की गिरफ्तारी का विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना को लेकर जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।
ज्ञात हो कि, 15 जून 2020 को भारत चीन सीमा पर लद्दाख के गलवन घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में वैशाली जिला के हद में जन्दाहा थाना क्षेत्र के चक फतह ग्राम के राज कपूर सिंह के 21 वर्षीय पुत्र जय किशोर सिंह शहीद हुए थे।
शहीद जयकिशोर के पार्थिव शव पर माल्यार्पण के लिये सरकार के मंत्री और विरोधी दल के नेता भी आये थे। उस समय तत्कालीन विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव द्वारा शहीद जयकिशोर की प्रतिमा स्मारक बनाने के लिये भेजी गई। जिस प्रतिमा को शहीद के पिता ने ग्रामीणों के सहयोग से सड़क किनारे की सरकारी जमीन में स्थापित करवा दिया।
वर्तमान घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि जनवरी माह में शहीद के पिता जब शहीद की मूर्ति के चारो ओर से घेराव करवा रहे थे कि गांव के ही हरिनाथ राम ने शहीद के पिता के खिलाफ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगा कर अंचल और जन्दाहा थाना में आवेदन दे दिया।
शिकायत पर जन्दाहा पुलिस ने स्मारक का काम बंद करवा दिया। शहीद के बड़े भाई नन्द किशोर सिंह जो खुद भी भारतीय सशस्त्र बल में कार्यरत है ने बताया कि महुआ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पूनम केसरी ने उनके पिता को बीते 10 फरवरी को स्मारक हटा लेने का मौखिक निर्देश दिया था।
एसडीपीओ के मौखिक निर्देश पर उनके पिता स्मारक बचाने के लिये दौर धूप करते आये कि 25 फरवरी की रात 11 बजे अचानक जन्दाहा थाना प्रभारी विश्वनाथ राम 4 जीप पुलिस बल के साथ उनके घर को घर लिया और उनके पिता को गिरफ्तार कर जन्दाहा थाना ले जाया गया।
जहाँ शहीद के पिता के साथ थानेदार ने गली गलौज और मारपीट किया। सिंह ने बताया कि उनके पिता को एसटी एक्ट और रंगदारी के झूठे मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। घटना की जानकारी पर वे घर आये हैं और पिता को छुड़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
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