कंजक्टिवाइटिस आंखों में वाइरस संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में 21 जुलाई को बच्चों को कंजक्टिवाइटिस से बचाव को लेकर शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में उक्त बीमारी से बचने के उपाय बताये गये।
जानकारी के अनुसार उक्त विद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के मार्गदर्शन में स्कूली बच्चों को कंजक्टिवाइटिस नामक आँख की बीमारी से बचाव की जानकारी शिविर लगा कर दी गई। स्कूली
बच्चों में बढ़ती कंजक्टिवाइटिस नामक आँख की बीमारी को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त की गई एवं बताया गया कि योग एवं आयुर्वेदिक के माध्यम से इससे बचा जा सकता है।
इस अवसर पर स्कूल के धर्म शिक्षक राजवीर सिंह ने बताया कि आयुर्वेद में कंजक्टिवाइटिस को अभिष्यंद कहा है। आहार और जीवन शैली में गड़बड़ी के कारण वात-पित्त एवं कफ दोष असंतुलित अवस्था में आ जाते है, इसमें मुख्यत: पित्त दोष के कारण आँख आने की समस्या होती है। जिस कारण इसमें चिपचिपा स्राव, खुजली एवं लालिमा जैसे लक्षण दिखाई देते है।
उन्होंने बताया कि संक्रमण आमतौर पर बिना इलाज और बिना किसी दीर्घकालिक परिणाम के 7 से 14 दिनों में ठीक हो जाता है। हालाँकि, कुछ मामलों में वायरल नेत्रश्लेष्मलाशोथ को ठीक होने में 2 से 3 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। नेत्रश्लेष्मलाशोथ के अधिक गंभीर रूपों के इलाज के लिए एक डॉक्टर एंटी वायरल दवा लिख सकता है।
कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में टियर डक्ट (अश्रु नलिका) के पूरी तरह खुला न होने से भी अक्सर पिंक आई की समस्या हो जाती है।
यह एक अत्यंत संक्रामक स्थिति है, इसलिए इसका तुरंत उपचार जरूरी है। शिविर में मुख्य रूप से स्कूल के वरीय शिक्षक अनंत कुमार उपाध्याय के साथ-साथ दर्जनों शिक्षकों ने बच्चों को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक किया।
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