उपायुक्त के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों में शिविर लगाकर आवेदन लिए गए
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी (Bokaro District Deputy Commissioner Kuldeep Choudhary) के निर्देश पर 14 सितंबर को जिले के सभी प्रखंडों के पंचायत सचिवालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा प्रखंड मुख्यालयों में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ देने को लेकर शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), अंचलाधिकारी (सीओ) ने मानिटरिंग की। उपायुक्त स्वयं कई पंचायत सचिवालयों व अन्य स्थानों पर आयोजित शिविरों में शामिल हुए।
इसे लेकर बोकारो जिला के हद में चास, चंदनकियारी, बेरमो, कसमार, पेटरवार, जरीडीह, गोमियां, चंद्रपुरा और नावाडीह प्रखंडो के विभिन्न पंचायत सचिवालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रखंड मुख्यालय आदि में शिविर का आयोजन किया गया।
ज्ञात हो कि, राज्य अंतर्गत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के रहिवासियों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने को लेकर राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना लागू किया है।
कई बार जानकारी के अभाव में रहिवासी इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं, इसलिए शिविर लगाकर लोगों को योजना के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही योजना का लाभ लेने के लिए जरूरतमंद लोगों से आवेदन प्राप्त किया गया। कहा गया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ आसानी से उठाया जा सकता है।
कहा गया कि झारखंड के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों के लिए चिकित्सा अनुदान हेतु चिकित्सा सहायता योजना संचालित है।
वर्तमान में गरीबी रेखा के नीचे के व्यक्तियों अथवा 72000/- रुपए वार्षिक आय (समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित आय) वाले अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को संबंधित जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा आकस्मिक रूप में 1000/- रु० (एक हजार रुपया) तक का चिकित्सा अनुदान (जिसका विपत्र बाद में लाभुक से प्राप्त किया जाता है), आदि।
विपत्र के साथ 3000/- रु० तक का चिकित्सा अनुदान (तीन हजार रुपया) तथा 3000/- (तीन हजार रुपया) से अधिक 10000/ रु० (दस हजार रुपया) तक के चिकित्सा अनुदान की राशि उपायुक्त के स्वीकृति के उपरांत योग्य लाभुक को भुगतान किया जाता है।
योजना अंतर्गत चिकित्सा अनुदान के भुगतान हेतु असैनिक शल्य चिकित्सक अथवा असैनिक सहायक शल्य चिकित्सक के अतिरिक्त सरकारी चिकित्सक यथा होमियोपैथी, यूनानी, आयुर्वेद के द्वारा निर्गत चिकित्सा प्रमाण पत्र मान्य होता है।
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