लिपुँगा में चिकित्सा विभाग द्वारा लगाया गया कैंप

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला (West Singhhum District) के हद में बड़ाजामदा पीएचसी प्रभारी चिकित्सक डॉ धर्मेंद्र कुमार के दिशा निर्देशानुसार लिपुँगा गांव में ग्रामीणों के साथ साथ छोटे बच्चों की भी मलेरिया की टेस्टिंग युद्ध स्तर पर की जा रही है।

ज्ञात हो कि, मलेरिया टेस्ट में अक्सर उन लोगों को पीड़ित देखा जा रहा है, जो जंगलों में निरंतर पेड़ पौधों के पत्तों को चुनने हेतु आना-जाना कर रहे हैं। डॉ धर्मेंद्र ने बताया इन्हें स्वस्थ रखने हेतु मच्छरों से बचाना नितांत आवश्यक है। यह तभी संभव है जब ग्रामीण जागरूक हो।

उन्होंने कहा कि स्वभाविक रूप से स्वच्छ जल का सेवन करें एवं गंदगी व पानी जमाव वाले क्षेत्रों में जाने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके निराकरण हेतु ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। फिलहाल ग्रामीणों को मलेरिया से बचाने हेतु मलेरिया कीट द्वारा उनका टेस्ट किया जा रहा है।

बड़ाजामदा पीएचसी प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि गुवा थाना क्षेत्र के हद में लिपुँगा गांव में रहने वाले ग्रामीणों के द्वारा बरती जा रही अनियमितता एवं लापरवाही के कारण बीमार पड़ने की स्थिति निरंतर बनी हुई है।

बावजूद इसके ग्रामीणों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से युद्ध स्तर से चिकित्सा विभाग (Medical Department द्वारा ग्रामीणों की देखरेख की जा रही है। बहरहाल मलेरिया जैसी बीमारी से रहिवासियों को बचाने हेतु पूर्णरूपेण स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा शिविर लगाकर जांच की जा रही है।

मलेरिया जांच के लिए कारगर रूप से स्वास्थ्य कर्मी कार्यरत हैं। डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि जागरूकता एवं स्वास्थ्य के प्रति सचेत कर ग्रामीणों का बचाव हेतु उनका प्रयास जारी है।

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