प्रयागराज महाकुंभ देशवासियों को दे रहा वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर प्रखंड के सुप्रसिद्ध लोकसेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत विष्णु दास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने 15 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ से लौटने के बाद बताया कि योग, ध्यान और अध्यात्म को अपनाने से व्यक्ति ऊर्जावान बनता है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमे वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है।
संत विष्णु दास ने कहा कि सनातन हिंदू संस्कृति का यह महाकुंभ हिन्दुओं को एक सूत्र में बांधनेवाला सबसे सुरक्षित कवच है, जिसे कोई बेध नहीं सकता। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में श्रीपंचायती नया उदासीन अखाड़ा की उनकी अपनी छावनी है, जहां शिव- विष्णु की आराधना के साथ -साथ गुरुबाणी का पाठ भी निरंतर चल रहा है। वहां अनवरत भंडारा चल रहा है। वे अपने अखाड़े के देश के सबसे बुजुर्ग संत ही नहीं बल्कि बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने बताया कि यह महाकुंभ दुनिया भर में रहनेवाले समस्त सनातन हिंदू धर्मावलंबियों को अमृत रस प्रदान करने वाला एवं वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देने वाला है। इस महाकुंभ में विश्व के कई देशों के पुरुष और महिला भक्तों ने अपनी भागीदारी और आस्था दिखाई है। भारतीय संस्कृति, धर्म और अध्यात्म का ऐसा अनूठा समागम विरले ही देखने को मिलता है।
महाकुंभ में मौनी बाबा के साथ लाल दास उदासीन, अनिल सिंह गौतम, शर्मानंद सिंह सहित अनेक भक्तगण शामिल हुए और महाकुंभ का शाही स्नान के साक्षी बनें। मौनी बाबा ने बताया कि उनकी छावनी में निरंतर भंडारा चल रहा है। वे एक दिन बाद पुनः महाकुंभ के लिए प्रस्थान करेंगे।
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