बिहार में पूर्ण शराबबंदी, धंधेबाज और पीने वाले मानने को तैयार नहीं, जा रहे हैं जेल

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए कई साल बीत गए, लेकिन बिहार में अवैध शराब का धंधा और शराब पीने वाले मानने को तैयार नहीं है। वैशाली जिला अवैध शराब के धंधेबाजो के लिए स्वर्ग माना जाता रहा है।

बावजूद इसके पिछले कुछ माह से अवैध अंग्रेजी शराब की बरामदगी वैशाली जिले में कम हुई है। जिले में अवैध शराब का कारोबार और पीने वालों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते जून माह में वैशाली जिले में अवैध शराब का धंधा करने वाले 153 धंधेबाजो और 190 शराब पीने वाले को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा है।

बिहार का शराब बंदी कानून पीने वालों के लिए थोड़ा सा आसान हुआ है। अब शराब पीने वाले न्यायालय में जुर्माना देकर छूट सकते हैं, जबकि अवैध शराब का कारोबार करनेवाले धंधेबाजो के लिए 5 वर्ष से लेकर 10 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। चाहे अवैध शराब एक लीटर हो या एक ट्रक।

गत माह वैशाली पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा लगभग 6215 लीटर अवैध देशी और विदेशी शराब जप्त किया गया है। साथ ही पुलिस द्वारा देसी दारू की अवैध 197 भट्ठियों को ध्वस्त किया गया है। इन सब के बावजूद वैशाली जिले में अवैध शराब का धंधा बंद नहीं हो रहा है।

बताया जाता है कि 2 जुलाई को हाजीपुर-पटना मार्ग पर गंगा ब्रिज थाने द्वारा एक पिकअप पर लदी 1200 लीटर देसी दारु बरामद किया गया, जबकि धंधेबाज पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए। जिन्हें पुलिस सरगर्मी से खोज कर रही है।

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