बीएंडके प्रबंधन ने मंदिर निर्माण के लिए कराया भूमि पूजन

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के कारो कोलियरी विस्तार को लेकर कारो बस्ती शिफ्टिंग की प्रकिया शुरू हो गई है। इसे लेकर 21 अगस्त को करगली स्थित स्लरी प्वाइंट शक्ति परिसर में शिव मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पंडित अनिल पांडेय और नित्यानंद पांडेय द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ शिव मंदिर निर्माण के लिए पूरे विधि-विधान के साथ भूमि पूजन कार्य श्रद्धापूर्वक सम्पादित किया गया। भूमि पूजन में यजमान के रूप मे संजय भोक्ता सपत्नीक सैकड़ो की संख्या मे ग्रामीण रहिवासी शामिल हुए। इसी के साथ बस्ती की शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इस अवसर पर क्षेत्र के महाप्रबंधक एम के राव ने कहा कि कारो परियोजना पर ही बीएंडके प्रक्षेत्र का भविष्य निर्भर है। इसलिए इसके विस्तार में कारो बस्ती के रहिवासी सहयोग करें। उन्होंने कहा कि रैयतों व विस्थापितों को उसके अधिकार से वंचित नही किया जायेगा।

कहा कि विस्थापितो को पुनर्वास स्थल पर बसाने के लिए सीसीएल 6•40 करोड रुपए खर्च कर रही है। जिसमें विस्थापितों को आवास, बिजली-पानी, सामुदायिक भवन, सड़क, मंदिर, खेल मैदान, तलाब, सोलर लाइट, बाउंड्री वाल, विवाह मंडप आदि का निर्माण कराया जाएगा।

जीएम राव ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा स्थानांतरण के नाम पर विस्थापित परिवार के सदस्य को 6 लाख रुपए या 5 डिसमिल जमीन देने का प्रावधान है। जो जमीन लेना चाहते हैं उन्हें जमीन दी जाएगी। जो जमीन नहीं लेना चाहते हैं उसके एवज में 6 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।

उन्होंने आशा जताते हुए कहा क बीएंडके क्षेत्र अपने उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा। कहा कि यहां के भूगर्भ में कोयले का अकूत भंडार है। उसे निकालने के लिए ग्रामीण रहिवासी प्रबंधन को सहयोग करें। माइंस विस्तार होने से ही संबंधित विस्थापितों को नौकरी व मुआवजा का लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर प्रभावित ग्रामीणों ने कहा कि सीसीएल कारो खदान के विस्तार करने के लिए कारो बस्ती के रहिवासी शिफ्टिग को तैयार हैं। इसके लिए नियोजन, मुआवजा व पुनर्वास देने में प्रबंधन सार्थक पहल करे। कहा कि यह तो सभी जानते हैं कि कोयला खदान रहेगी, तभी बेरमो कोयलांचल का भविष्य सुरक्षित रहेगा।

कहा कि प्रबंधन को यह समझना चाहिए कि विस्थापित भी सीसीएल के ही अंग हैं। उन्हें नजरअंदाज कर माइंस को न तो संचालित किया जा सकता और न ही विस्तारित किया जा सकता है। ग्रामीण रहिवासियों के अनुसार विस्थापितों ने अपने पूर्वजों की जमीन देकर सीसीएल को लाभ पहुंचाने का काम किया है।

मौके पर एसओ माइनिंग के डी प्रसाद, पीओ कन्हैया लाल गैवाल, अरविंद शर्मा व सत्येंद्र प्रसाद, एसओ पीएंडपी एसके झा, सेल ऑफिसर मनोज सिंह, एरिया सेफ्टी ऑफिसर कुमार सौरभ, एसओ एक्स प्रवीण कुमार, रेवेन्यू आफिसर बी के ठाकुर, मैनेजर जीएन सिंह, वाशरी पीओ वी एन पांडेय, नोडल आफिसर महेश्वरी प्रसाद सहित अरुंजय सिंह, लव सिंह, आदि।

ग्रामीण रहिवासी मेघनाथ सिंह, परशुराम सिंह, जिबू विश्वकर्मा, सोहनलाल मांझी, हेमलाल महतो, विशाल कुमार सिंह, रोहन कुमार, तुलसी विश्वकर्मा, प्रमोद सिंह, राजू सिंह, सुरेंद्र गंझु, कामिनी देवी, संजय गंझू, अजय गंझू व् सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष उपस्थित थे।

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