ब्रह्मर्षि कश्यप ने दिया था देवी अदिति को पयोव्रत का उपदेश

भगवान की भक्ति में ही शक्ति-आचार्य अभिषेक महाराज

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर प्रखंड के गंगा-गंडक संगम तीर्थ सबलपुर पूर्वी पंचायत के हस्ती टोला स्थित लालू प्रसाद यादव उच्च विद्यालय में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

महायज्ञ के तीसरे दिन 4 जनवरी को वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य अभिषेक जी महाराज ने भक्त प्रह्लाद और ध्रुव जी की कथा को विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। भागवत कथा सही मार्ग दिखाती है। भक्ति करनी है तो ध्रुव और भक्त प्रहलाद जैसी करो। कहा कि भगवान ने प्रह्लाद के लिए अवतार लेकर हिरण्कश्यपु का वध किया था। इस अवसर पर भगवान श्रीवामन देव की भव्य झांकी भी निकाली गयी।

कथा श्रवण करने के लिए कड़ाके की ठंड की परवाह किए बिना सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण भक्त महिलाओं, युवकों, वृद्धों के साथ – साथ बालकों की भी अच्छी भागीदारी रही।
कथा व्यास अभिषेक महाराज ने आगे कहा कि यदि भक्ति सच्ची हो तो ईश्वरीय शक्ति अवश्य सहायता करती है। भागवत कथा सुनना और भगवान को अपने मन में बसाने से व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आता है।

उन्होंने कहा कि भगवान हमेशा अपने भक्त को पाना चाहते हैं। जितना भक्त भगवान के बिना अधूरा है, उतना ही अधूरा भगवान भी भक्त के बिना हैं। जय और विजय को सनकादि ऋषियों के द्वारा शाप देने की कथा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस श्राप के कारण जय और विजय सतयुग में धरती पर दिती के पुत्रों हिरण्याक्ष व हिरण्यकश्पय के रूप में जन्म लेना पड़ा।

इन दैत्यों के आतंक से सज्जनों और भगवद भक्तों को बचाने के लिए स्वयं भगवान विष्णु ने वराह और नरसिंह के रूप में अवतार लिया और दोनों दैत्यों को मुक्ति प्रदान की। इसी प्रकार त्रेता युग में रावण और कुंभ करण के उद्धार करने के लिए श्रीराम के रूप में भगवान आए। जबकि द्वापर युग में शिशुपाल व दंतवक्र का उद्धार करने के लिए श्रीकृष्ण रूप में अवतार ग्रहण किया।

कथा के बीच में उन्होंने भगवान शिव और देवी सती के प्रसंगों का सांगोपांग वर्णन किया। वहीं कथा के अंत में ब्रह्मर्षि कश्यप जी की अपनी पत्नी अदिति को पयोव्रत का उपदेश दिया और बताया कि कोई भी महिला अगर एक वर्ष तक पयोव्रत का पालन करें तो उसके घर में भगवान जैसे कुमार जीवात्माएं जन्म लेंगे, जो कुल व राष्ट्र का नाम रोशन करेंगे। इसी व्रत के प्रभाव से देवी अदिति के गर्भ से स्वयं भगवान विष्णु ने वामन भगवान के रूप में जन्म लिया।

इस मौके पर वामन भगवान की झांकी भी निकाली गई। वहीं 5 जनवरी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव,उनके भव्य झांकियों के साथ मनाई जाएगी, जिसमें माखन-मिश्री से भगवान श्रीकृष्ण का भोग लगेगा। कथा के अंत में आरती के बाद प्रसाद का वितरण सभी श्रृद्धालुओं के बीच किया गया।

मौके पर बृंदावन से आए मिथिलेश दुबे, अमन मिश्रा, पंकज शर्मा, श्रीकांतजी के अलावा यज्ञ के संयोजक हिरा प्रसाद, मुकेश कुमार शर्मा, बिंदेश्वर कुमार, मुंशी लाल राय, राम विनोद बाबा, आलोक कुमार, समाजसेवी लालबाबू पटेल आदि की सराहनीय सहभागिता रही।

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