ठेकेदारी प्रथा के कारण मात्र पंद्रह दिन में हीं बाउंड्री वाल ध्वस्त

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के ओरमो मे बना कर्मचारी भवन बाउंड्री वाल ठीकेदार की मनमानी के कारण बनने के मात्र 15 दिन में ही ध्वस्त हो गया। इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है क़ि काम कितना गुणवत्ता के आधार पर हुआ है।

इस कार्य के सम्बंधित विभागीय अधिकारी यानी जिला के और भवन निर्माण के जिला अभियंता तथा प्रखंड अभियंता की लापरवाही से यह घटना देखने को मिल रहा है। वही ठेकेदार की मनमानी से बाउंड्री वाल पर अभियंता द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण ठेकेदार का मनोबल बढ़ता गया। काम गुणवत्ता के आधार पर नहीं हुआ, जिसके चलते आज एक तरफ का बाउंड्री वाल टूटकर गिर चूका है। अभियंता द्वारा कभी भी निर्माण कार्य में झांकना तक मुनासिब समझें। जिसके चलते काम का गुणवत्ता कितना अच्छा होगा, यह स्वतः हीं समझा जा सकता है।

जब इस संबंध में संबंधित ठेकेदार से पूछा जाता है कि अच्छा काम क्यों नहीं करते है, तो संवेदक का स्पष्ट कहना है कि जब कमिशन 30 से 40 प्रतिशत लिया जाता है तो गुणवत्ता कैसा होगा? कहा कि कमीशनखोरी बंद कराए काम का गुणवत्ता अच्छा होगा।

ध्यान देने योग्य यह कि यह एक योजना की कहानी नहीं है यह सभी योजनाओं पर लागु है। याने कमिशन के चलते कोई भी विकास योजना में जो काम होता है उसका सही गुणवत्ता काम में नहीं मिल पायेगा। सूत्रों का मानना है कि कोई योजना पर प्राक्कलन गलत तरीके से बनाया जाता है। उस पर अंकुश लगाया जाए। तभी काम सही रूप से धरातल पर काम देखने को मिलेगा।

 

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