एस.पी.सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड विधानसभा में मुख्य सचेतक (विरोधी दल) सह विधायक बोकारो बिरंची नारायण द्वारा 10 सितंबर को गैर-सरकारी संकल्प के माध्यम से विधानसभा में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट (Medical protection Act) बनाने की मांग की गई।
उक्त जानकारी विधायक के आप्त सचिव एवं अधिवक्ता दीपेश निराला ने दी। उन्होंने कहा कि इस एक्ट का उद्देश्य इलाजरत मरीजों और अस्पताल-प्रबंधन एवं डॉक्टरों सभी पक्षों का हित सुरक्षित बनाना है।
निराला ने बताया कि विभिन्न अस्पतालों द्वारा मृतकों के शव को बंधक बनाए जाने की समस्या का भी इस प्रोटेक्शन एक्ट में समाधान हो। साथ ही साथ दुर्घटना में घायल व्यक्ति तत्काल यदि राज्य के किसी भी निजी अस्पताल में पहुंचता है, तो जिला प्रशासन और सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका तुरंत इलाज हो।
उस पर होने वाले खर्च को अगर वह व्यक्ति वहन करने में सक्षम नहीं है, तो फिर जिला प्रशासन को उक्त खर्च वहन करना चाहिए। सरकार को उक्त मरीज के प्रति अभिभावक की भूमिका निभानी चाहिए। इसका भी इस मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में समावेश होना चाहिए।
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