एसीसी सदस्यो की मांग पर सुरक्षा गार्ड के पुत्र को प्रोबीजनल नियुक्ति पत्र प्रबंधन ने सौंपा
शव मिलने से प्रबंधन ने ली राहत की सांस, परिजनों में कोहराम
विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के गोविंदपुर फेस टू परियोजना खुली खदान में बीते 1 अक्टूबर को हुई लैंड स्लाइडिंग में लापता सुरक्षा गार्ड सुबोध कुमार का शव 3 अक्टूबर को मालवा में दबा मिला। घटना के 48 घंटे बाद सीसीएल प्रबंधन ने शव को खोज निकालने में सफलता पायी। सुरक्षा गार्ड का शव बरामद होने के बाद एसीसी सदस्यो की मांग पर सुरक्षा गार्ड के पुत्र को प्रोबीजनल नियुक्ति पत्र प्रबंधन ने सौंपा।
मौके पर कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक डीके गुप्ता, स्वांग गोविंदपुर फेज दो के परियोजना पदाधिकारी अरुण कुमार तिवारी सहित दर्जनों पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लैंड स्लाइड (ओबी मलवा गिरने) के 43 घंटे के बाद 3 अक्टूबर को सुरक्षा गार्ड सुबोध की क्षत विक्षत मोटरसाइकिल, छाता, तौलिया मलबा से बरामद किया जा सका। इसके बाद प्रबंधन को भरोसा हो गया कि इसके आसपास हीं सुबोध कुमार का शव होगा। बताया जाता है कि इसके बाद डोजर ऑपरेटर ने बारीकी से मलबा को हटाने का काम युद्ध स्तर से चलाया।
मलबा हटाने के क्रम में सुबह लगभग 10 बजे मृतक सुरक्षा कर्मी का बाइक, छाता तथा तौलिया मिला। आखिरकार लगभग 1:30 बजे सुबोध का शव बरामद कर लिया गया। जिससे प्रबंधन एवं क्षेत्रीय सलाहकार समिति ने राहत की सांस ली। वही परिजनों में कोहराम मच गया।
ज्ञात हो कि, क्षेत्रीय सलाहकार समिति बीते 2 अक्टूबर को गोविंदपुर फेज दो खदान घटना स्थल पर जाकर मुआयना किया था और शव की बारामदी के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की मांग प्रबंधन से की थी। शव मिलने पर क्षेत्रीय सलाहकार समिति ने प्रबंधन एवं डोजर ऑपरेटर को साधुवाद दिया।
बताया जाता है कि क्षेत्रीय सलाहकार समिति एवं पीसीसी सदस्यों की मांग पर कथारा जीएम डीके गुप्ता एवं परियोजना पदाधिकारी अरुण कुमार तिवारी के हाथों स्वर्गीय सुबोध कुमार के पुत्र को प्रोविजनल नियुक्ति पत्र दिया गया।
मौके पर क्षेत्रीय सलाहकार समिति की ओर से नवीन कुमार विश्वकर्मा, इकबाल अहमद, राजू स्वामी, कामोद प्रसाद, उत्तम कुमार सहित शाखा के तमाम पदाधिकारीगण जबकि क्षेत्र के अमलाधिकारी कार्मिक एवं प्रशासन जयंत कुमार, फेज दो के कार्मिक प्रबंधक एस आर सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
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