प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। पेटरवार प्रखंड के हद में अंगवाली के मैथानटुंगरी स्थित धर्म संस्थान में आयोजित श्रीराम चरित मानस महायज्ञ के तृतीय रात्रि प्रवचन के दौरान 14 मार्च की रात अयोध्या धाम से पधारी मानस माधुरी अनुराधा सरस्वती ने भगवान श्रीराम के बालकाण्ड की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम बालकाल में गुरु वशिष्ट के यहां विद्या ग्रहण करने गए और बड़ी सरलता से अल्पकाल में सभी विद्या ग्रहण कर निपुन्न हो गए।
मानस माधुरी अनुराधा ने कहा कि श्रीराम की विद्या ग्रहण करने के पश्चात दिनचर्या में व्यापक परिवर्तन हो गया। भगवान श्रीराम ने प्रतिदिन अपने माता-पिता तथा गुरुजनों को प्रणाम कर एवं उनसे आशीष ग्रहण कर दुनिया वालों को यह संदेश दिया कि कोई भी व्यक्ति जीवन के किसी क्षेत्र में यदि सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे माता पिता तथा गुरु के आशीर्वाद की परम आवश्यकता है।
कथा वाचिका ने वर्तमान शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि, जो विद्या हमारे भीतर अकड़ पैदा कर हमें पतन के गर्त में धकेल दे, वह सच्ची विद्या नहीं है। सच्ची विद्या तो वह है जो हमारे भीतर विनम्रता का भाव भरकर जीवन के हर पथ को रौशन कर सफलता प्रदान करने में सहायक हो।
आज के युवाओं को माता पिता तथा गुरुजनों को प्रणाम करने में लज्जा सी महसूस होती है, परंतु भगवान श्रीराम ने दुनिया वालों को यह संदेश दिया कि जो व्यक्ति माता पिता तथा गुरुजनों के चरणों में झुक जाता है, पूरी दुनिया उसके चरणों में झुक जाती है। वह संपूर्ण जगत में वंदनीय हो जाता है।
गिरिडीह से पधारे व्यास आचार्य अनिल पाठक ने आज युवाओं को संदेश दिया कि श्रीराम के आदर्शो को जीवन में आत्मसात करने से ही उनका कल्याण निहित है।
मंच पर रात्रि को श्रद्धालु माताओं द्वारा लाए गये पकवान व मिस्टान के साथ श्रीराम जन्मोत्सव मनाया गया। साथ हीं उपस्थित श्रोता दीर्घा में बांटी गई। मौके पर संस्थापक गौरबाबा, अनुराधा के पिता सेवानिवृत प्राचार्य डी सिंह, सहयोगी बाला सुप्रिया सिंह, अध्यक्ष सहित पूरा समिति सक्रिय रहे।
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