ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन द्वारा मनाया गया काला-दिवस

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन द्वारा एक जनवरी को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे कर्मचारियों के बीच एनपीएस/ युपीएस के विरोध में काला दिवस मनाया गया।

जानकारी के अनुसार ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल संयुक्त सचिव रत्नेश वर्मा के नेतृत्व में रेलवे कर्मचारियों ने काला दिवस का बैच लगाकर एनपीएस का विरोध किया गया। विदित हो कि आज के हीं के दिन वर्ष 2004 में पुरानी पेंशन प्रणाली को बन्द कर नई पेंशन स्कीम एनपीएस की शुरुआत की गयी थी।

यूनियन के जोनल संयुक्त सचिव रत्नेश वर्मा ने बताया कि एनपीएस जिसे अब नेशनल पेंशन स्कीम के नाम से जाना जाता है, जिसमें कर्मचारियों के वेतन से ही पेंशन मद की कटौती की जाती है। इसमे पेंशन की कोई गणना नहीं है। पेंशन पूरी तरह से शेयर मार्केट पर आधारित है। अभी एनपीएड के रिटायर कर्मी को बहुत कम पेंशन मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि इस क्रम में ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन द्वारा यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) और एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) दोनों के विरोध में प्रदर्शन किया गया। ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल संयुक्त सचिव वर्मा के नेतृत्व में रेलवे कर्मचारियों ने केंद्र सरकार द्वारा हाल में लाए गए यूपीएस तथा एनपीएस के विरोध में नारेबाजी किया।

वर्मा ने बताया कि जब एनपीएस के तरह से हीं युपीएस में भी कर्मचारियों के वेतन से प्रत्येक माह पेंशन मद की कटौती की हीं जाएगी, तो फिर इसे ओपीएस जैसा कहकर क्यों प्रचारित किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि ओपीएस में तो मासिक वेतन से पेंशन मद की कोई कटौती नही की जाती है। उन्होंने कहा कि यदि युपीएस बहुत अच्छा है ओपीएस के जैसा हीं है, तो एनपीएस और युपीएस को ऑप्शन के रूप में क्यों रखा गया है  एक ऑप्शन ओपीएस का भी दे दीजिए।

उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार यूपीएस को ओपीएस का विकल्प बता रही है, तो सीधे ओपीएस ही दे दे। विकल्प की बात हीं नहीं रहेगी। वर्मा ने कहा कि एनपीएस में सुधार के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसके रिपोर्ट को संसद में रखकर सार्वजनिक किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। आनन- फानन में यूपीएस की घोषणा कर दी गयी।

उन्होंने रेल कर्मचारियों के विभिन्न मांगों जिसमे ट्रेक पर कार्य करने वाले रेलकर्मी को रेलवे बोर्ड के आदेश संख्या:-2015/CE-II/TK/14 दिनांक14/03/2022 के अनुसार अविलंब जीवन रक्षक यंत्र दिया जाए। रनिंग भत्ता को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 55 प्रतिशत किया जाए। सिग्नल विभाग में लगातार हो रहे रण-ओवर को रोकने हेतु अविलंब नाईट फेलियर गैंग और आठ घण्टा ड्यूटी-रोस्टर लागू किया जाए। सेफ्टी कार्य से जुड़े कर्मियों को सेफ्टी किट दिया जाए।

निजीकरण व् आउटसोर्सिंग पर रोक लगे। ग्रेडेशन में सुधार हो। बोनस का भुगतान सातवें वेतन आयोग के आधार पर हो। खाली पदों को शीघ्र भर्ती करके भरा जाए। सभी कर्मियों को रेलवे आवास उपलब्ध कराया जाए। सहायक लोको पायलट को पायलट का दर्जा मिले। सभी को एलडीसीई में समान मौका मिले। रनिंग स्टाफ को एसपीएडी केस में 14/2 के तहत बिना जांच सर्विस-रिमूव बन्द हो।

आरएसी-1980 फार्मूला में सुधार कर माइलेज-भत्ता दिया जाए। जान जोखिम में डालकर कार्य करनेवाले रेलकर्मी लोको, सिग्नल एवं टेलीकॉम, टीआरडी, क्रेन, ट्रेफिक, कैरेज आदि सभी आर्टिजन स्टाफ को रिस्क व् हार्डशिप भत्ता दिया जाए। वर्तमान रिस्क एवं हार्डशिप भत्ता को पीसी-VII क्रमांक-33, आरबीई क्रमांक-87/2017, दिनांक 10-08-2017 के अनुसार 2700-4100-6000 में बढ़ोत्तरी किया जाए।

रात्रि-कार्य-भत्ता, टीए तथा अन्य भत्तों का ससमय भुगतान सुनिश्चित किया जाए। सभी दर्दनाक रन-ओवर हादसों की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराई जाए। रन ओवर में मृत कर्मी के परिवार को पचास लाख रुपया का मुआवजा दिया जाए। सभी रेलकर्मी को पचास लाख का बीमा-कवर दिया जाए। लंबित अन्तरमण्डलिये स्थानांतरण (स्पाउस तथा निजी अनुरोध) एवं अन्य सभी स्थानांतरण आवेदनों का शीघ्र निपटारा करके क्लियर किया जाए।

ठेका कर्मियों के स्किल की जांच करके वेतन का पुनरीक्षण किया जाए। सभी लेवल क्रासिंग गेट पर असामाजिक तत्वों के दुर्व्यवहार एवं धौसगिरी के निगरानी हेतु सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। टीसी/ टीटीई/ टीटीआई जैसे कमर्शियल कैटेगरी स्टाफ को रनिंग – भत्ता दिया जाए एवं कुछ अन्य मांगों पर विचार करके पूरा करने की सरकार से अपील की गई।

वर्मा ने कहा कि ओपीएस की बहाली, रेलवे निजीकरण को रोकने के लिए ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन, इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन और फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर अब आंदोलन के अंतिम मुकाम पर है। मौके पर रेल कर्मी शिवम कुमार, अंगद राम, सुरेन्द्र दास, मनोज श्रीवास्तव, रवि रंजन, निर्मला देवी, संजय कुमार, अजीत कुमार, जैकी कुमार, कृष्णा कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सतीश कुमार, अंगद साह, स्टेशन मास्टर रवि कांत आदि उपस्थित थे।

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