प्रीपेड मीटर अच्छा है तो सरकारी कार्यालय, आवास में क्यों नहीं लगाया जा रहा-माले
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बिजली प्रीपेड मीटर में अंबानी का जीओ सीम लगाकर जनता से एडवांस बिल लेकर भाजपा मनमाफिक विधुत उपभोक्ताओं को लूट रही है। स्थानीय स्तर पर न तत्काल शिकायत करने और न ही शिकायत सुधार की व्यवस्था है।
यदि शार्ट सर्किट से किसी उपभोक्ता का लोड 5 केवीए हो जाता है तो उस हिसाब से बिल आटो बन जाता है और उपभोक्ताओं का विधुत कट जाता है। फिर उठा हुआ बिल जब तक उपभोक्ता जमा नहीं करेंगे, तब तक विधुत आपूर्ति शुरू नहीं होगा।
इस योजना से लाखों दलित- गरीब परिवार विधुत से बंचित हो जाएंगे। प्रीपेड मीटर योजना भाजपा द्वारा लाया गया पूरी तरह से लूट योजना है। प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगे अन्यथा भाकपा पाले पूरे राज्य में आंदोलन तेज करेगी। ये बातें भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने 4 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा।
उपभोक्ताओं के घर लगाये गये प्रीपेड मीटर की गड़बड़ी की फोन के माध्यम से आ रही शिकायतों की पड़ताल करते हुए विधुत सुधार संघर्ष मोर्चा के संयोजक सह माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बिना विधुत उपयोग किये पैसा काटते रहने, आदि।
शार्ट सर्किट से बढ़े लोड का पैसा काटने, उल्टा कनेक्शन से ज्यादा बिल उठने, पैसा रहते बिजली कट जाने, अनाप-शनाप ढंग से पैसा काट लेने, पैसा डालने पर भी बिजली नहीं आने समेत कई अज्ञात कारण से पैसा कटते रहने आदि की शिकायत लगातार आ रही है।
जबकि कोर्ट के आदेश के बाबजूद स्थानीय स्तर पर विधुत शिकायत निवारण केंद्र नहीं खोले जाने से बिल सुधार की व्यवस्था नहीं है। इससे उपभोक्ता परेशान है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि प्रीपेड मीटर अच्छा है तो पहले सरकारी कार्यालय, सरकारी आवासो में लगाया जाना चाहिए।
अन्यथा विधुत विभाग प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगाए। लगाया गया प्रीपेड मीटर को हटाकर पुनः इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाएं अन्यथा आंदोलन तेज करने की चेतावनी माले नेता ने विधुत विभाग को दी है।
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