एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। कारोबारी अडाणी के इशारे पर कोल्हान टाईगर चम्पई सोरेन के माध्यम से सारंडा जंगल क्षेत्र को लुटवाने का षड्यंत्र रच रही है भाजपा। उक्त आरोप लगाते हुए 4 सितंबर को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही।
आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने साफ शब्दो मे कहा कि कारोबारी अडाणी को झारखंड मे येन केन प्रकारेण सत्ता किसी भी हालत मे चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी और अडाणी को हंसदेव जंगल के अन्दर कोयला खदान और बैलाडिला का लौह-अयस्क काफी जनविरोध के बाद भी दे दिया गया।
परिणाम मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाले जंगल मे लगे हजारो हजार वृक्ष को काट दिया गया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार ओड़िसा में भाजपा की सरकार बनी तो अडाणी ने बाॅक्साईट में पूंजी निवेश शुरू कर दिया है। आज न कल भाजपा सरकार आदिवासियों से नियमगिरी पहाड़ छीनकर अडाणी को दे देगी।
नायक ने कहा कि वर्ष 2014 में झारखंड में भाजपा की सरकार बनी थी, तब गोड्डा में आदिवासियो के धान की लहलहाती फसल पर बुलडोजर चलाकर अडाणी के लिए कब्जा किया गया। उन्होंने कहा कि अब अडाणी की नजर झारखंड के कोल्हान क्षेत्र मे स्थित सारंडा जंगल का लौह-अयस्क है। जिसके लिए झारखंड में भाजपा का सरकार होना जरूरी है।
इसलिए कोल्हान क्षेत्र से आने वाले नेता चम्पई सोरेन को आगे कर भाजपाई अडाणी की निजी स्वार्थ को पुरा करने का कार्य मे लग गये। चम्पई सोरेन को मोहरा बनाकर सारंडा के खान, खनीज, जंगल और जमीन को लूटने की साजिश रचने का कार्य संघी भाजपाई कर रहे है।
नायक ने यह भी कहा कि माॅं के नाम एक पेड़ लगाने का कार्यक्रम सिर्फ दिखावा मात्र है। हसदेव के जंगल से हजारो लाखो पेड़ को अडाणी के इशारो पर कटवा दिया गया और ये भाजपाई पेड़ लगाने का नाटक कर रहे है। भाजपाईयों का मक़सद और उद्धेश्य एक है। सारा जंगल अपने आका और पार्टी के फाइनेंसर अडाणी को सौपना इनका मूल मकसद है।
नायक ने सभी आदिवासी, मूलवासी झारखंडी समाज से अपील किया कि आदिवासी मूलवासी एवं प्रकृति तथा जीवन को तबाह करने वाले संघी/भाजपाईयोें को झारखंड से उखाड़कर फेंकना है, ताकि इन भाजपाईयों के गलत मंसूबो पर पानी फेरा जा सके और भाजपा को सत्ता से दुर किया जा सके।
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