एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में फुसरो डुमरी मुख्य पथ पर मकोली मोड़ के समीप स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में बीते 24 जनवरी को मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित होने वाले प्रखर स्वतंत्रता सेनानी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाया गया।
जानकारी के अनुसार विद्यालय परिसर स्थित दयानन्द सभागार में शोषित, दलित और उपेक्षित वर्ग के समाज चेता स्व. कर्पूरी ठाकुर की सौंवी जन्म शती अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर सर्व प्रथम डीएवी ढोरी के प्राचार्य सत्येंद्र कुमार, सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं तथा छात्र प्रतिनिधियों ने गरीबो के मसीहा व् दलितो के उद्धारक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित किया। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भजन माला तथा हिन्दी और अंग्रेजी में क्रमश: दिव्या कुमारी और सौम्या कुमारी सिंह ने उनके व्यक्तित्व और कृतृत्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।
कहा गया कि स्व. ठाकुर जे.पी. आन्दोलन के ऐसे सच्चे सिपाही ने अपनी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी का मिसाल बनकर दिखाया। सन् 1977 के राजनीतिक उठा-पटक के दौर में भी बिहार की बागडोर थाम कर एक दिशा देते हुए सामाजिक बदलाव का कार्य किया। सामन्ती वर्ग और सर्वहारा समाज के बीच बढ़ती खाई को पाटकर समता मूलक समाज की नींव डाली।
इस अवसर पर प्राचार्य कुमार ने विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए कहा कि स्व. ठाकुर सादगी, सरलता, वाकपटुता तथा कर्तव्य परायणता की प्रतिमूर्ति थे। गरीब परिवार में जन्मे ठाकुर पहले एक शिक्षक थे। 24 जनवरी 1924 में बिहार के सीतामढ़ी जिले में पिता गोकूल ठाकुर और माता रामदुलारी देवी के आँगन की शोभा बढ़ाई। वे 17 फरवरी 1988 को इस दुनिया से अलबिदा हो गए। उनका जीवन एक आदर्श और
प्रेरणा स्त्रोत है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सहगामी क्रियाओं के संयोजक एस. के. शर्मा, प्रभात सहाय, ललित कुमार पाल, अशोक पाल, उमा शंकर सिंह, डाॕ एस.वी. नारायण, डाॅ शिवेन्दु कुमार, रोहित सिन्हा, मनोज कुमार त्रिपाठी, सुनील कुमार, बी.के. मोदी, बबलू कुमार, साधु चरण शुक्ला, यू.पी. साहनी, पल्लवी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, सरनजीत कौर, गोपाल शुक्ला, रिम्मी कुमारी तथा अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।
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