प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की 3 दिसंबर को 139वीं जयंती बोकारो जिला के हद में तेनुघाट स्थित शास्त्री क्लब में मनाई गई।
देशरत्न जयंती के अवसर पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए क्लब के संरक्षक अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद, जिन्हें प्यार से राजेन बाबू कहा जाता था का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सारण जिले के जीरादेई गांव में हुआ था।
उन्होंने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद के सेवानिवृत्त होने के बाद में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सेवानिवृत्ति में अपने जीवन के अंतिम कुछ महीने पटना के सदाकत आश्रम में बिताए।
इस अवसर पर रमेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि सन् 1947 में राजेंद्र बाबू को संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। बाद में सन् 1950 में देश के गणतंत्र में परिवर्तन के बाद वे भारत के पहले राष्ट्रपति बने। स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय संविधान के निर्माण में उनका अमूल्य योगदान है। सिन्हा ने कहा कि हमें डॉ राजेंद्र प्रसाद के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेना होगा, ताकि हम भी देश सेवा में अपना योगदान दे सकें।
इस अवसर पर स्थानीय रहिवासी रतन कुमार सिन्हा, सुभाष कटरियार, योगेश नंदन प्रसाद, रविन्द्र नाथ बोस, प्रताप कुमार, विनय कुमार सिन्हा, सुनील कुमार, कुंदन कुमार, रोहित पराशर, संतोष कटरियार, अजय अंबस्ट सहित क्लब के सदस्यगण मौजूद थे।
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