गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार सरकार द्वारा जमीन खरीद बिक्री को बढ़ावा देने और खरीदने बेचने वालों को उनके घर से निबंधन कार्यालय तक आने जाने के लिये बिहार के प्रत्येक जिले में शुरु की गई रजिस्ट्री सटल सेवा की महत्वाकांक्षी योजना शुरू होने के 42 दिनों में काल कलवित हो गई। यह योजना अब केवल सफेद हांथी बनकर रह गया है।
बिदित हो कि, बिहार में शराब बंदी की वजह से राज्य सरकार ने राजस्व क्षति को पूरा करने के लिये निबंधन शुल्क में बेतहाशा बृद्धि कर दिया। इसकी भरपाई के लिए बिहार में जमीन निबंधन को मद्य निषेध विभाग से सम्बंधित कर दिया है। बिहार में जमीन खरीद बिक्री करने वाले सरकार (Government )और निबन्धन बिभाग के कर्मचारियों के लिये दुधरु गाय है। इस दुधरु गाय को सुविधा देने के लिये नीतिश सरकार ने सटल सेवा शुरू की।
गत् 19 सितम्बर 2022 को बड़े तामझाम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रजिस्ट्री सटल सेवा की शरुआत की थी। इस योजना के लिये निजी बस ऑपरेटरों से सभी जिले में बस अनुबंध पर लिया गया।
वैशाली जिले में भी रजिस्ट्री सटल सेवा की शुरुआत जिलापदाधिकारी यशपाल मीणा द्वारा बड़े ताम झाम से किया गया। जिले के निबन्धन कार्यालय हाजीपुर, महुआ, महनार और लालगंज के लिये कुल आठ बसे निजी मालिको से अनुबंध पर ली गई, जिनपर प्रतिदिन 16 हजार रुपया खर्च होता है, लेकिन इन रजिस्ट्री सटल सेवा बस को जमीन खरीद बिक्री करने वालो ने पुरी तरह से नकार दिया।
बस खाली सड़को पर दौड़ती रही, लेकिन एक दो से ज्यादा सबार बस को नही मिले। वैशाली जिले के साथ ही पूरे राज्य में सटल सेवा का यही हाल है। बड़ी तामझाम से शुरू हुई इस योजना को सरकार 31 अक्टूबर से समाप्त कर रही है। सरकार की इस अदूरदर्शी योजना से राज्य को करोड़ो रूपये का चूना तो लग ही गया है।
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