छपरा में पहली बार सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बच्चियों का एचपीवी टीकाकरण
मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना का सीएस ने किया शुभांरभ
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिले की बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पहली बार एचपीवी का टीकाकरण की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के तहत नि:शुल्क टीकाकरण की शुरुआत 8 फरवरी को सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने किया।
विदित हो कि बालिकाओं को कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीकाकरण योजना की शुरुआत करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है।
पहले दिन सारण जिला के हद में गड़खा, तरैया, रिविलगंज प्रखंड के कस्तुरबा गांधी विद्यालय के बालिकाओं को टीका लगाया गया। सिविल सर्जन डॉ सिन्हा ने बताया कि यह टीकाकरण अभियान बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा करने में सार्थक सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पहल पर इस अभियान की शुरूआत की गयी है। जहां 9 से 14 साल तक उम्र की बालिकाओं को टीकाकरण किया जा रहा है। बताया कि बालिकाओं को सिंगल डोज वैक्सीन दिया जा रहा है, जो कैंसर से सुरक्षा में सहायक है।
सिविल सर्जन ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) है। इस वायरस के संक्रमण से महिलाओं में यह कैंसर का रूप ले सकता है। हालांकि सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है, क्योंकि इसके लिए एक प्रभावी वैक्सिन एचपीवी उपलब्ध है।
मालूम हो कि, एचपीवी वैक्सीन कैंसर से 98 प्रतिशत तक बचाव कर सकती है। यह विशेष रूप से 9 से 14 साल की बालिकाओं पर प्रभावी रहती है।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीपीओ शिक्षा विभाग प्रियंका रानी, डीआईओ डॉ सुमन कुमार, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीएमएनई ब्रजेश कुमार, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ रंजितेश कुमार, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन, वीसीसीएम अंशुमान पांडेय, रवि कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
टीकाकरण से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम मिलेगी मदद
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार ने कहा कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) को लेकर राज्य में मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के अंतर्गत 9 से 14 आयु वर्ग की बालिकाओं को एचपीवी टीका से टीकाकृत कराया जा रहा है। जिससे सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी। इसके लिए पहले ही टीकाकरण करने वाली नर्स और स्वास्थ्य कर्मी को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
क्योंकि प्रशिक्षण प्राप्त कर्मी द्वारा ही 9 से 14 आयु वर्ग की बालिकाओं को टीकाकृत करना है। जबकि टीकाकरण स्थल पर आवश्यक व्यवस्था यथा प्रतिक्षा कक्ष में बैठने के लिए कुर्सी, टीकाकरण के अर्ब्जवेशन रूम, पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
टीकाकरण के बाद बालिकाओं को दिया जा रहा सर्टिफिकेट
डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि सर्वप्रथम जिले के रिविलगंज, गड़खा और तरैया स्थित कस्तुरबा गांधी विद्यालय के कुल 184 बालिकाओं को टीका लगाया गया। टीकाकरण के बाद सभी बालिकाओं को प्रमाण-पत्र भी दिया गया। कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सरकारी विद्यालयों के बच्चियों को टीकाकृत किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में जिले के निजी विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाली 9 से 14 आयु वर्ग की बालिकाओं और तीसरे चरण में वैसी बालिकाओं को टीका दिया जाएगा जो किसी कारणवश स्कूल या कॉलेज नहीं जाती है और घर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव
सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) है। इस वायरस के संक्रमण से महिलाओं में यह कैंसर का रूप ले सकता है। हालांकि, सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है, क्योंकि इसके लिए एक प्रभावी वैक्सिन एचपीवी उपलब्ध है। ज्ञात हो कि एचपीवी वैक्सीन कैंसर से 98 प्रतिशत तक बचाव कर सकती है और यह विशेष रूप से 9 से 14 साल की बालिकाओं पर प्रभावी रहती है।
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