भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की मनाई गई 101वीं जयंती

प्रहरी संवाददाता/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले के सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ताओं की ओर से जिला विधिक संघ हाजीपुर के पुस्तकालय सभागार में 24 जनवरी को भारत रत्न स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती मनाई गयी। जयंती समारोह में उपस्थित सभी ने स्वर्गीय ठाकुर के तैलचित्र पर पुष्पांजलि के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की।

जयंति समारोह को संबोधित करते हुए वरीय अधिवक्ता विनय चंद्र झा ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय का मसीहा बताया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा समानता, बंधुत्व और सभी के लिए न्याय में विश्वास रखते थे। उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल गरीबों और वंचितों के हित में किया था।

जिले के सामाजिक कार्यकर्ता त्रिभुवन राय ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर एक सच्चे राजनेता थे। उन्हें जननायक के रूप में जाना जाता था। अधिवक्ता कुमार राकेश ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर को देश में सामाजिक न्याय के विचार को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है।

जयंती समारोह में स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस अधिवक्ता मंच के वरीय सदस्य मुकेश रंजन ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में मैट्रिक पाठ्यक्रम से अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के रूप से हटा दिया, जिससे वंचित समाज के छात्र भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े। कहा कि स्वर्गीय ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री बने थे। पहली बार वर्ष 1970 और दूसरी बार वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री बने थे। सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े दलित वर्ग के लिए आरक्षण की स्थिति तैयार करने में उनके प्रयास महत्वपूर्ण थे। आज उन्हीं की वजह से अतिपिछड़ो को पूरे देश में 27 प्रतिशत आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

जयंती समारोह में उपरोक्त के अलावा अधिवक्ता मुकुल कुमार राजू, फ़याज़ुद्दीन अहमद, गंगोत्री प्रसाद सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण राय, कॉमरेड त्रिभुवन राय, विजेंद्र कुमार, संजय कुमार सिंह, शैलेश कुमार, राज कुमार दिवाकर इत्यादि ने भी कर्पूरी ठाकुर के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए उन्हें नमन किया।

 141 total views,  7 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *