भक्तों से गुलजार है नयागांव रसूलपुर स्थित भगवान शंकर मंदिर

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। श्रावण मास में सारण जिला के हद में छपरा पटना मुख्य मार्ग पर नयागांव बाजार रसूलपुर में स्थित भगवान शंकर का मंदिर बोल बम के नारों से गुंजायमान हो रहा है। प्रथम सोमवारी की भीड़ और भक्तों की जय जयकार के साथ जारी पूजा-अर्चना और जलाभिषेक का क्रम थम नहीं रहा है।

सावन के इस पवित्र महीने में मंदिर परिसर आकर्षण का केंद्र बन गया है। वहीं आसपास का इलाका भी गुलजार हो गया है। शिवमय वातावरण के कारण मंदिर की रौनक बढ़ गई है।

वैसे तो प्रत्येक दिन इस मंदिर में भक्त जल अर्पण करते हैं, किंतु सावन के महीने हो और उसमें भी सोमवार तो यहां काफी भीड़ उमड़ आती है। कहा गया है कि कई दशक पहले एक तपस्वी शिव भक्त ऋषि के कहने पर इस मंदिर का निर्माण किया गया था। तब उक्त मंदिर में शिव लिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गयी थी।

समाज कल्याण के लिए बने इस मंदिर से जुड़ा है भक्तों की आस्था

उक्त शिव मंदिर की स्थापना आसपास के रहिवासियों के भीतर आत्मज्ञान, आध्यात्मिक विकास और शिव की तरह समदर्शी दृष्टि रखने के लिए की गयी थी। शिव ने कभी सनातन धर्म के किसी वर्ग से कोई भेदभाव नहीं किया। सभी उनके लिए प्रिय रहे। अपनी स्थापना के बाद यह मंदिर अपनी कसौटी पर खड़ा उतरा और आज भी महादेव का आशीर्वाद सभी रहिवासियों पर एक समान बना हुआ है।

इस मंदिर का निर्माण स्वर्गीय शिव गुलाम सिंह के पुत्र विंदेश्वरी सिंह ने कराया था। उस समय मंदिर के मुख्य पुजारी राम इकबाल तिवारी थे। उनके देहावसान के बाद उनके पुत्र विश्वनाथ तिवारी काफी दिनों तक मंदिर में पूजा अर्चना करते रहे। उनके गुजर जाने के बाद गौतम तिवारी, दिलीप ओझा तथा सुजीत तिवारी इस मंदिर की देखरेख करते आ रहे हैं।

संध्या बेला में प्रत्येक दिन होता है यहां भजन-कीर्तन

भगवान शंकर के दरबार में स्थानीय भक्तों द्वारा प्रतिदिन संध्या बेला में ढोल, झाल, मजीरा आदि वाद्य यंत्रों के साथ भजन- कीर्तन व आरती का आयोजन किया जाता है।स्थानीय नागेश्वर सिंह बताते हैं कि इन आयोजनों का जनता पर गहरा असर पड़ता है। इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। मान्यता है कि भजन- कीर्तन से भगवान के यहां हाजिरी लगाई जाती है।

मनमोहक भजन से श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस मार्ग से होकर गुजरने वाले छोटे-बड़े वाहन चालक और उस पर सवार यात्री भी यहां हो रहे भजन- कीर्तन को सुनने के लिए विवश हो जाते हैं। वाहन चालक यात्रियों के आग्रह पर अपनी गाड़ी को धीमी गति में लेकर यहां से गुजरते हैं। कई साइकिल व मोटरसाइकिल सवार रुक कर भक्ति रस का आनंद लेते हैं। भक्ति गीत से ओत प्रोत तथा भजन का यह सिलसिला देर रात तक चलता रहता है।

मंदिरों में होता है सकारात्मक वातावरण व ऊर्जा का संचरण-गौतम बाबा

नयागांव हसनपुर के आचार्य कश्यप गौतम उर्फ़ गौतम बाबा बताते हैं कि मंदिर में स्थित मूर्तियों में भगवान साक्षात वास करते हैं। पुरोहित द्वारा मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा से पूजा की जाती है। जो कि घर पर करना संभव नहीं हो पाता है। वे बताते है कि मंदिरों में प्रार्थना, ध्यान, कीर्तन, यज्ञ, पूजा, आरती, शंख, घंटियां आदि चीजें होती है। इन सबसे मंदिर का वातावरण धार्मिक हो जाता है।

इसी कारण से मंदिर जाने पर मन को शांति मिलती है और व्यक्ति की परेशानियां भी कम हो जाती है। साथ ही मंदिरों का निर्माण वास्तु के अनुसार किया जाता है। मंदिर में धूप-दीप जलाए जाते है और शंख, घंटियों की ध्वनि भी आती है। इससे वातावरण शुद्ध हो जाता है। मन-मस्तिष्क शांत हो जाते है।

मंदिर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और यहां नकारात्मकता दूर होती है। यही कारण है कि मंदिर जाने पर व्यक्ति सकारात्मकता का संचार महसूस करने लगता है। उन्होंने कहा कि बड़े बुजुर्गों का कहना है कि इस मंदिर में भगवान शंकर के सामने जो भी श्रद्धालु सच्चे हृदय से मन्नत मांगते हैं भगवान उसकी मन्नत अवश्य पूरी करते हैं।

सावन का महीना जप तप और ध्यान के लिए उत्तम-आचार्य कश्यप गौतम

आचार्य कश्यप गौतम ने बताया कि संपूर्ण सावन का महीना जप, तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है। इसमें सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है।

कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छायी हो, अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है। सोमवार और शिव जी के सम्बन्ध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था।

 119 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *