उत्पादन में कथारा क्षेत्र का बेहतर रहा परफार्मेंस

आउटसोर्सिंग कंपनी ने बचाई क्षेत्र की लाज

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले वित्त वर्ष 2022 में बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र ने बेहतर परफॉर्मेंस दिखाने में सफल रहा है।

कथारा क्षेत्र बीते वर्ष की तुलना में 164 प्रतिशत का ग्रोथ दर्ज कर सीसीएल में संभवतः दूसरा स्थान पाया। वही अधिभार निष्पादन में सीसीएल में कथारा क्षेत्र ने 320 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज कर पहले स्थान पर रहा। इसमें आउटसोर्सिंग कंपनियों की अहम भूमिका रही है।

जानकारी के अनुसार कथारा क्षेत्र द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोयला उत्पादन 14 लाख 20 हजार 391 टन किया गया था, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में क्षेत्र ने कुल 23 लाख 30 हजार 369 टन कोयला उत्पादन करने में सफल रहा। वहीं क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2122-23 में 23 लाख 59 हजार 762 क्यूबिक मीटर अधिभार का निष्पादन किया था, आदि।

जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 75 लाख 50 हजार 175 क्यूबिक मीटर अधिभार का निष्पादन करने में सफल रहा। जिसमें विभागीय स्तर पर 19 लाख 44 हजार 138 क्यूबिक मीटर, जबकि आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा 56 लाख 6 हजार 37 क्यूबिक मीटर ओबी का निष्पादन करने में सफल रहा।

आंकड़ों के अनुसार विभागीय स्तर पर कथारा क्षेत्र द्वारा 8 लाख 88 हजार 650 टन कोयला उत्पादन किया गया, जबकि आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा 14 लाख 41 हजार 719 टन कोयला उत्पादन करने में सफल रहा।

परियोजना स्तर पर देखा जाए तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में कथारा कोलियरी द्वारा कुल 2 लाख 92 हजार 412 टन कोयला उत्पादन किया, जिसमें विभागीय स्तर पर 24 हजार 80 टन तथा बीएलए (आर ए माइनिंग) द्वारा 2 लाख 68 हजार 279 टन कोयला उत्पादन किया जा सका।

जारंगडीह कोलियरी ने भी 8 लाख 72 हजार 5 टन कोयला उत्पादन किया, जिसमें विभागीय स्तर पर 1 लाख 51 हजार 80 टन जबकि बीकेबी आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा 7 लाख 20 हजार 925 टन कोयला उत्पादन किया गया। कोयला उत्पादन में कथारा क्षेत्र के स्वांग गोविंदपुर फेस-2 परियोजना ने सर्वाधिक सहयोग किया।

उक्त परियोजना द्वारा लक्ष्य से अधिक 11 लाख 36 हजार 880 टन कोयला उत्पादन किया। जिसमें विभागीय स्तर पर 6 लाख 84 हजार 365 टन जबकि आरए माइनिंग आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा 4 लाख 92 हजार 515 टन कोयला उत्पादन किया। वहीं क्षेत्र का एकमात्र भूमिगत खदान गोविंदपुर ने भी पिछले वर्ष से अधिक कोयला उत्पादन करने में सफल रहा।

उक्त भूमिगत खदान ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 29 हजार 106 टन कोयला उत्पादन किया था। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 29 हजार 125 टन कोयला उत्पादन करने में सफल रहा। गोबिंदपुर भूमिगत खदान ने पिछले वित्तीय वर्ष से इस वित्तीय वर्ष में 19 टन अधिक उत्पादन करने में सफलता पायी। इसके लिए उक्त खदान के प्रबंधक कृष्ण मुरारी ने कामगारों के प्रति आभार जताया है।

इस अवसर पर कथारा क्षेत्र द्वारा बेहतर उत्पादन करने को लेकर क्षेत्र के महाप्रबंधक हर्षद दातार ने कहा कि यह उपलब्धि क्षेत्र के तमाम कामगारों, अधिकारियों, ट्रेड यूनियन नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों तथा मीडिया के सहयोग तथा टीम वर्क से ही संभव हो सका है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि इसी प्रकार क्षेत्र को सहयोग मिलता रहा तो कथारा क्षेत्र पुनः एक बार सवर्णअक्षरों में लाभ कमाने वाला क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा।

इस अवसर पर जारंगडीह में कार्यरत बीकेबी आउटसोर्सिंग कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट सुशील अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा निर्धारित सालाना लक्ष्य से अधिक का उत्पादन किया गया है। यह उनके तमाम सहयोगियों तथा समाजसेवियों के सकारात्मक सोच से ही संभव हो सका है।

जबकि, गोबिंदपुर फेज दो तथा कथारा कोलियरी में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी बीएलए (आरए माइनिंग) के प्रबंधक मयंक अग्रवाल ने बताया कि उनकी कंपनी के कर्मचारियों की मजबूत इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि उनकी कंपनी ने कथारा क्षेत्र के कथारा कोलियरी तथा गोविंदपुर फेस टू आउटसोर्सिंग पेंच से बेहतर कोयला उत्पादन करने में सफल रहा।

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